
नई दिल्ली — वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के कुल निर्यात (माल और सेवाएं मिलाकर) अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच 4.45 प्रतिशत बढ़कर 413.30 अरब डॉलर तक पहुंच गए हैं, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि (अप्रैल-सितंबर 2024) में यह आंकड़ा 395.71 अरब डॉलर था। यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों में दी गई।
अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान भारत के कुल आयात का अनुमान 472.79 अरब डॉलर लगाया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.55 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
सितंबर 2025 के महीने में भारत का कुल निर्यात (माल और सेवाएं मिलाकर) 67.20 अरब डॉलर रहा, जो सितंबर 2024 की तुलना में 0.78 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्शाता है।
सितंबर माह में माल निर्यात में वृद्धि के मुख्य कारक रहे — इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, पेट्रोलियम उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, चावल, समुद्री उत्पाद और औषधियां।
इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात सितंबर 2024 के $2.07 अरब से बढ़कर सितंबर 2025 में $3.12 अरब हो गया, यानी 50.54% की वृद्धि।
पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात $4.30 अरब से बढ़कर $4.96 अरब हुआ, वृद्धि 15.22%।
इंजीनियरिंग सामान का निर्यात $9.83 अरब से बढ़कर $10.11 अरब रहा, यानी 2.93% की वृद्धि।
चावल का निर्यात $0.69 अरब से बढ़कर $0.92 अरब पहुंचा, जो 33.18% की वृद्धि दर्शाता है।
समुद्री उत्पादों का निर्यात $0.63 अरब से बढ़कर $0.78 अरब हुआ (23.44% की वृद्धि)।
औषधियों और फार्मा उत्पादों का निर्यात $2.56 अरब से बढ़कर $2.62 अरब हुआ, यानी 2.56% की वृद्धि।
सितंबर 2025 में सेवाओं के निर्यात का अनुमान $30.82 अरब डॉलर लगाया गया है, जबकि सितंबर 2024 में यह $32.60 अरब डॉलर था।
वाणिज्य विभाग ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की विश्व आर्थिक परिदृश्य (World Economic Outlook) की अक्टूबर 2025 अपडेट में भारत के लिए जारी नवीनतम विकास अनुमानों को भी स्वीकार किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2025 में 6.6 प्रतिशत और 2026 में 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जुलाई 2025 के WEO अपडेट की तुलना में यह एक सकारात्मक संशोधन है, जो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मजबूत प्रदर्शन के कारण हुआ है।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक “उज्ज्वल केंद्र” (bright spot) बना हुआ है, और मंत्रालय संबंधित हितधारकों के साथ समन्वय बनाकर इस गति को बनाए रखने तथा समावेशी और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए कार्य करता रहेगा।
With inputs from IANS