
नई दिल्ली। रेलिगेयर ब्रोकिंग (Religare Broking) ने अपनी ‘दिवाली 2025 गोल्ड स्पेशल रिपोर्ट’ में कहा है कि सोने की आदर्श खरीदारी सीमा ₹1,14,000 से ₹1,18,000 प्रति 10 ग्राम के बीच मानी जा सकती है। यह दायरा निवेशकों के लिए दीर्घकालिक तेजी के रुझान के बीच संग्रह (accumulation) का अच्छा अवसर प्रदान कर सकता है।
भारत में सोने की कीमतों में जनवरी से अब तक करीब 67 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो शुक्रवार को ₹1,31,920 प्रति 10 ग्राम के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
पिछले कुछ महीनों में सोने में उल्लेखनीय तेजी देखी गई है — अगस्त में जहां कीमतें लगभग ₹98,500 प्रति 10 ग्राम थीं, वहीं अक्टूबर तक यह बढ़कर ₹1.26 लाख से ऊपर पहुंच गईं।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अनुसार, यह तेजी वैश्विक और घरेलू कारकों के मिश्रण से प्रेरित रही है — जिनमें भूराजनैतिक तनाव, कमज़ोर डॉलर, केंद्रीय बैंकों की बढ़ी हुई खरीदारी, और मुख्य अर्थव्यवस्थाओं में आसान मौद्रिक नीति (monetary easing) की उम्मीदें शामिल हैं।
हालांकि रिपोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि सोना अब ‘ओवरबॉट’ (अधिक खरीदा गया) ज़ोन में प्रवेश कर चुका है, जिससे लाभ बुकिंग या सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
रिपोर्ट में निवेशकों को सलाह दी गई है कि वे क्रमिक निवेश (staggered buying) की रणनीति अपनाएं — यानी मौजूदा ऊँचाई पर एक साथ अधिक निवेश करने की बजाय, कीमतों में गिरावट आने पर धीरे-धीरे खरीदारी करें।
रेलिगेयर का अनुमान है कि यदि कीमतें सुझाए गए खरीदारी क्षेत्र से रिबाउंड करती हैं, तो सोना ₹1,35,000 से ₹1,42,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
तकनीकी दृष्टि से, सोना अभी भी मजबूत स्थिति में है, क्योंकि यह 20-दिन और 50-दिन की मूविंग एवरेज (EMA) के ऊपर कारोबार कर रहा है, जो निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर कीमतें ₹1,05,000 प्रति 10 ग्राम से नीचे जाती हैं, तो यह कमज़ोरी का संकेत होगा और गहरी गिरावट देखी जा सकती है।
रेलिगेयर ने यह भी बताया कि भारत और चीन सहित कई केंद्रीय बैंक लगातार तीसरे वर्ष 1,000 टन से अधिक सोना जोड़ चुके हैं, जिससे वैश्विक मांग मजबूत बनी हुई है।
साथ ही, गोल्ड-समर्थित ईटीएफ (Gold-backed ETFs) में वर्ष 2025 के दौरान अब तक 64 अरब डॉलर की निवेश प्रवाह दर्ज हुई है, जिसमें केवल सितंबर माह में भारत से 10 अरब डॉलर का योगदान रहा।
वैश्विक स्तर पर भी सोने का प्रदर्शन शानदार रहा है — सोने की कीमतें पहली बार $4,000 प्रति औंस के पार चली गई हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि केंद्रीय बैंकों, निवेशकों और त्योहारों के खरीदारों से निरंतर मांग, तथा आपूर्ति की सीमाओं के कारण 2025 और आने वाले वर्षों में सोने की कीमतें मजबूत बनी रहेंगी।
With inputs from IANS