सितंबर में भारत के कृषि और ग्रामीण मजदूरों पर महंगाई का बोझ और घटाBy Admin Sat, 18 October 2025 06:32 AM

नई दिल्ली। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर माह में कृषि मजदूरों (Agricultural Labourers) और ग्रामीण मजदूरों (Rural Labourers) के लिए साल-दर-साल महंगाई दर क्रमशः -0.07 प्रतिशत और 0.31 प्रतिशत रही।

सर्व-भारत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के अनुसार, कृषि मजदूरों का सूचकांक 0.11 अंक घटकर 136.23 पर आ गया, जबकि ग्रामीण मजदूरों का सूचकांक 0.18 अंक घटकर 136.42 पर पहुंच गया।

डेटा के मुताबिक, खाद्य सूचकांक (Food Index) में भी गिरावट दर्ज की गई — सितंबर में यह कृषि मजदूरों (AL) के लिए 0.47 अंक और ग्रामीण मजदूरों (RL) के लिए 0.58 अंक कम हुआ।

श्रम ब्यूरो ने सितंबर महीने के लिए कृषि और ग्रामीण मजदूरों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी किए हैं, जिनका आधार वर्ष 2019=100 रखा गया है। ये सूचकांक 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 787 नमूना गांवों से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित हैं।

नई श्रृंखला में दायरा और कवरेज को काफी बढ़ाया गया है, साथ ही पद्धतिगत सुधार (methodological changes) भी किए गए हैं ताकि सूचकांक अधिक सटीक और विश्वसनीय बन सके। उदाहरण के लिए, खर्च के पैटर्न में बदलाव को देखते हुए वेटिंग डायग्राम (कुल खर्च में विभिन्न वस्तुओं के हिस्से) को संशोधित किया गया है।

इसके अलावा, Arithmetic Mean (AM) की जगह अब Geometric Mean (GM) का उपयोग किया गया है, जिससे कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर कम होता है। साथ ही, सूचकांक को COICOP-2018 (Classification of Individual Consumption by Purpose) के अनुरूप वर्गीकृत किया गया है।

इसी बीच, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित भारत की वार्षिक महंगाई दर अगस्त के 0.52 प्रतिशत से घटकर सितंबर में 0.13 प्रतिशत पर आ गई है।

वहीं, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर सितंबर में 1.54 प्रतिशत तक गिर गई, जो पिछले आठ वर्षों में सबसे कम स्तर है। इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में आई गिरावट बताई जा रही है।

 

With inputs from IANS