
नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत किसी भी व्यापार समझौते में जल्दबाजी नहीं करेगा, क्योंकि देश अपने साझेदार देशों के साथ निष्पक्ष और संतुलित समझौता चाहता है — ऐसा नहीं जो भारत की व्यापारिक स्वतंत्रता को सीमित करे।
गोयल का यह बयान भारत-अमेरिका के बीच जारी व्यापार वार्ताओं के बीच आया है। इसके अलावा भारत यूरोपीय संघ (EU) के साथ भी एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत कर रहा है, जिसमें बाजार तक पहुंच, पर्यावरण मानक और ‘रूल्स ऑफ ओरिजिन’ जैसे मुद्दों पर मतभेद बने हुए हैं।
बर्लिन ग्लोबल डायलॉग में अपने संबोधन के दौरान गोयल ने कहा कि भारत का व्यापार वार्ताओं के प्रति दृष्टिकोण दीर्घकालिक है, न कि तात्कालिक व्यापार लक्ष्यों को पूरा करने का दबाव। उन्होंने कहा, “व्यापार समझौते लंबे समय के लिए होते हैं। यह केवल शुल्क दरों का विषय नहीं है, बल्कि भरोसे और साझेदारी का भी मामला है। व्यापार समझौते व्यवसायों को भी जोड़ते हैं।”
उन्होंने स्पष्ट कहा, “भारत किसी भी व्यापार समझौते पर जल्द हस्ताक्षर नहीं करेगा,” यह कहते हुए कि यूरोप की चिंताएं भारत के रूसी तेल की खरीद को लेकर हैं।
गोयल ने कहा, “यह इस बारे में नहीं है कि अगले छह महीनों में क्या होने वाला है। यह केवल अमेरिका को स्टील बेचने की बात नहीं है,” — यह टिप्पणी उन्होंने अमेरिका के साथ चल रही वार्ताओं के संदर्भ में की।
यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अमेरिका भारत पर दबाव डाल रहे हैं कि वह रियायती दरों पर रूस से तेल की खरीद कम करे, क्योंकि पश्चिमी देशों का कहना है कि इससे मॉस्को को यूक्रेन युद्ध के लिए वित्तीय मदद मिल रही है।
भारत ने इस पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा है कि रूस से तेल की खरीद भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सस्ती आपूर्ति और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
इससे पहले गुरुवार को गोयल ने मीडिया से कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताएं “सकारात्मक दिशा” में आगे बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा, “हम अमेरिका के साथ निरंतर संवाद में हैं। हमारी टीमें सक्रिय रूप से बातचीत कर रही हैं। हाल ही में वाणिज्य सचिव अमेरिका गए थे और उन्होंने अपने समकक्षों से मुलाकात की। हम एक निष्पक्ष और समानता-आधारित समझौते की दिशा में प्रगति कर रहे हैं।”
गोयल इन दिनों जर्मनी में हैं, जहां वे द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा करने पहुंचे हैं। दोनों पक्ष इस वर्ष के अंत तक समझौता पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उन्होंने लिखा, “जर्मनी के संघीय चांसलर के आर्थिक और वित्तीय नीति सलाहकार एवं जी7-जी20 शेरपा डॉ. लेविन होले से मुलाकात कर खुशी हुई। हमने प्रमुख क्षेत्रों में भारत-जर्मनी सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। भारत-ईयू एफटीए पर भी हमारी सकारात्मक बातचीत हुई। दोनों देश साझा समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
With inputs from IANS