
मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2020-21 सीरीज-I के शीघ्र मोचन (premature redemption) के लिए प्रति यूनिट ₹12,198 का मूल्य घोषित किया है। यह बॉन्ड मूल रूप से 28 अक्टूबर 2020 को जारी किया गया था। निवेशकों को इस बॉन्ड श्रृंखला को मंगलवार से समयपूर्व रिडीम करने का विकल्प मिलेगा।
आरबीआई ने बताया कि यह मोचन मूल्य 999 शुद्धता वाले सोने के औसत समापन मूल्य पर आधारित है, जिसे इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा प्रकाशित किया गया था। यह मूल्य 23, 24 और 27 अक्टूबर के तीन कारोबारी दिनों के औसत पर निर्धारित किया गया है।
जब यह सीरीज जारी हुई थी, तब ऑनलाइन निवेशकों ने ₹4,589 प्रति ग्राम की दर से आवेदन किया था, जबकि ऑफलाइन खरीदारों ने ₹4,639 प्रति ग्राम चुकाए थे।
वर्तमान मोचन मूल्य पर, सोने के बांड का दाम पांच वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़ गया है। इसके अलावा, निवेशकों को इस अवधि में वार्षिक ब्याज का भी लाभ मिला है।
मौजूदा दर के आधार पर, ऑनलाइन निवेश करने वालों को कुल लगभग 166 प्रतिशत का प्रतिफल (absolute return) मिलेगा।
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की किसी भी श्रृंखला को जारी होने की तारीख से पांच वर्ष बाद, उस दिन समयपूर्व मोचन किया जा सकता है जिस दिन ब्याज देय होता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना नवंबर 2015 में भारत सरकार द्वारा सोने में निवेश के वैकल्पिक साधन के रूप में शुरू की गई थी। ये बांड आरबीआई द्वारा केंद्र सरकार की ओर से जारी किए जाते हैं और सोने के ग्राम में मूल्यांकित होते हैं। निवेशकों को 2.5% वार्षिक ब्याज के साथ-साथ सोने के भाव में बढ़ोतरी का लाभ भी मिलता है।
इस योजना का उद्देश्य था कि सोने के भौतिक आयात को कम किया जाए, जिससे विदेशी मुद्रा का बहिर्गमन और चालू खाते का घाटा (CAD) घटाया जा सके। साथ ही, यह योजना घरेलू बचत को वित्तीय परिसंपत्तियों की ओर मोड़ने में मदद करती है।
इन बांड्स की कुल अवधि आठ वर्ष होती है, लेकिन निवेशक पांचवें वर्ष के बाद ब्याज भुगतान की तारीख पर इससे बाहर निकल सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड शेयर बाजारों में ट्रेड, अन्य को हस्तांतरित, या बैंक ऋण के लिए संपार्श्विक (collateral) के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं।
With inputs from IANS