
नई दिल्ली — जीएसटी 2.0 सुधारों, 42 दिनों के त्योहारी मौसम और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती ने अक्टूबर महीने में भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर को ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा दिया। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में कुल वाहन बिक्री 4.02 मिलियन यूनिट रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि (2.87 मिलियन यूनिट) की तुलना में 40.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
पैसेंजर व्हीकल (PV) सेगमेंट में 5.57 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई, जो 11 प्रतिशत की वृद्धि है, जबकि दोपहिया वाहनों (2W) की बिक्री अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर 31.5 लाख यूनिट्स तक पहुंची — जो साल-दर-साल 52 प्रतिशत की वृद्धि है।
वाणिज्यिक वाहनों (CV) की बिक्री में 17.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिसका श्रेय बढ़ती माल ढुलाई, ग्रामीण लॉजिस्टिक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश को जाता है, जबकि ट्रैक्टर सेगमेंट में 14.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई।
फाडा अध्यक्ष सी.एस. विग्नेश्वर ने कहा,
“अक्टूबर को भारत के ऑटो रिटेल के इतिहास में एक मील का पत्थर कहा जाएगा। कुल खुदरा बिक्री में 40.5 प्रतिशत की मजबूत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें पैसेंजर व्हीकल और दोपहिया दोनों ने अपने-अपने अब तक के उच्चतम स्तर को छुआ। यह उपभोक्ता विश्वास और आर्थिक मजबूती का स्पष्ट संकेत है।”
उन्होंने बताया कि सितंबर के पहले 21 दिन जीएसटी 2.0 ट्रांजिशन के कारण सुस्त रहे, लेकिन अक्टूबर में बाजार ने तेजी से वापसी की। “यह ऐसा था मानो पेंट-अप डिमांड ने उत्सव और टैक्स-कट उत्साह को बैटन सौंप दी हो,” उन्होंने कहा।
जीएसटी दरों में कटौती, खासकर एंट्री-लेवल दोपहिया और छोटी कारों पर, ने वाहनों की अफोर्डेबिलिटी बढ़ाई और पहली बार वाहन खरीदने वालों की संख्या में उछाल लाया।
ग्रामीण भारत ने भी विकास का इंजन बनकर भूमिका निभाई — बेहतर मानसून, बढ़ी कृषि आय और इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश से मांग में जबरदस्त तेजी आई। डीलरों ने रिकॉर्ड पूछताछ और बेहतर कन्वर्जन रेट दर्ज किए, जबकि पीवी इन्वेंट्री में 5–7 दिनों की कमी देखी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी 2.0 का लागू होना परिवर्तनकारी साबित हुआ। छोटी कारों पर कर दरों में कमी से वाहन स्वामित्व अधिक सुलभ हुआ, खासकर मूल्य-संवेदनशील उपभोक्ताओं के लिए।
यह अफोर्डेबिलिटी बूस्ट, त्योहारी सीजन के साथ मिलकर, उपभोक्ता भावनाओं को वास्तविक बिक्री में बदलने में निर्णायक साबित हुआ। इस माह की सबसे बड़ी कहानी “उभरते भारत” की रही।
विग्नेश्वर ने कहा,
“2025 का 42-दिवसीय त्योहारी काल भारत के ऑटो रिटेल सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। इस दौरान सभी श्रेणियों में अब तक की सबसे ऊंची बिक्री दर्ज हुई। कुल वाहन बिक्री में 21 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि ने यह साबित किया कि सरकार के जीएसटी 2.0 सुधार ‘सिंपल टैक्स, स्ट्रॉन्गर ग्रोथ’ की भावना को साकार करते हैं।”
With inputs from IANS