2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनेगा भारत : रिपोर्टBy Admin Tue, 11 November 2025 08:30 AM

नई दिल्ली — वैश्विक निवेश बैंक यूबीएस (UBS) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपनी वर्तमान विकास दर पर आगे बढ़ते हुए 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार और 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा — अमेरिका और चीन के बाद।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दशक में भारत का घरेलू उपभोग (Household Consumption) लगभग दोगुना होकर 2024 में 2.4 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है, जो 7.9 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि दर (CAGR) दर्शाता है। यह वृद्धि चीन, अमेरिका और जर्मनी से भी अधिक तेज़ है।
यूबीएस का अनुमान है कि “भारत का उपभोक्ता बाजार 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बन जाएगा, जबकि उसका सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 2028 तक तीसरे स्थान पर पहुंचेगा।”

रिपोर्ट के अनुसार, भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2027 में 6.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2028 में 6.5 प्रतिशत पर स्थिर हो सकती है। नीति समर्थन और मजबूत घरेलू मांग के चलते भारत एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
इसके बाद फिलिपींस (6.1%) और इंडोनेशिया (5.1%) का स्थान रहेगा।

यूबीएस रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की जीडीपी वृद्धि 2025 में 1.9% से घटकर 2026 में 1.7% रह सकती है, और 2027 में फिर 1.9% तक लौट सकती है। वहीं, चीन की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 2025 में 4.9% से घटकर 2026 में 4.5% होने का अनुमान है, क्योंकि उसके निर्यात पर असर पड़ सकता है।

हालांकि, यूबीएस ने चेतावनी दी है कि भारत की विकास दर पर कुछ जोखिम (downside risks) भी मंडरा रहे हैं, खासकर अमेरिका की व्यापार नीति और भारत की संभावित नीति प्रतिक्रिया के कारण।

पहला, यदि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की प्रस्तावित 50 प्रतिशत व्यापार शुल्क नीति जारी रहती है, तो इससे भारत की जीडीपी वृद्धि दर लगभग 50 बेसिस पॉइंट्स (0.5%) तक घट सकती है। इससे रोज़गार, उपभोग और व्यापारिक विश्वास पर असर पड़ेगा, साथ ही निवेश पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

दूसरा, यदि अमेरिकी कंपनियों द्वारा विदेशी आउटसोर्सिंग सेवाओं के भुगतान पर 25 प्रतिशत कर लगाया जाता है, तो इससे भारत की विकास दर वित्त वर्ष 2027 में लगभग 90 बेसिस पॉइंट्स (0.9%) तक गिर सकती है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मौजूदा वित्त वर्ष (31 मार्च 2026 को समाप्त होने वाला) में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स की एक और कटौती कर सकता है।

 

With inputs from IANS