
नई दिल्ली- विश्व अर्थव्यवस्था में जहाँ कई बड़े देशों की विकास दर अब भी कोविड-19 के प्रभावों से उबर नहीं पाई है, वहीं हार्वर्ड प्रोफेसर जेसन फर्मन ने भारत को दुनिया का सबसे मजबूत प्रदर्शन करने वाला देश करार दिया है। उनका विश्लेषण बताता है कि वास्तविक GDP वृद्धि के मामले में भारत ने न केवल महामारी से पहले की रफ्तार पकड़ी है, बल्कि उसे पार भी कर लिया है—अमेरिका और चीन जैसे दिग्गजों को भी पीछे छोड़ते हुए।
फर्मन द्वारा साझा किए गए ग्राफ में 2019 से 2025 की तीसरी तिमाही तक की वास्तविक GDP को प्री-कोविड ट्रेंड के प्रतिशत के रूप में प्रदर्शित किया गया है।
जहाँ ज्यादातर बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ महामारी के घावों से उबरने के लिए संघर्ष कर रही हैं, वहीं भारत की रेखा शून्य रेखा को पार कर +5% की ओर निरंतर बढ़ती दिखती है।
ग्राफ में पाँच प्रमुख अर्थव्यवस्थाएँ शामिल हैं—
• अमेरिका (नीला)
• यूरो क्षेत्र (हरा)
• चीन (ग्रे)
• रूस (नारंगी)
• भारत (अलग हरे रंग की ऊपर जाती रेखा)
2020 में सभी अर्थव्यवस्थाएँ गिरावट में गई थीं:
• यूरो क्षेत्र: –25%
• अमेरिका: –5%
• चीन: –10%
• भारत: –5%
इसके बाद रिकवरी के रास्ते पूरी तरह अलग हो गए।
अमेरिका ने बड़े पैमाने की वित्तीय सहायता—जैसे American Rescue Plan—की बदौलत तेजी से वापसी की और 2025 तक +2% पर स्थिर होता दिखा।
लेकिन भारत का प्रदर्शन सभी को पीछे छोड़ देता है।
भारत की तेज़ उड़ान:
• 2020 में –5% से शुरू होकर
• 2022 में प्री-कोविड स्तर पार
• 2024 में +3%
• 2025 Q3 में अनुमानित +5%
फर्मन का कहना है कि यह संरचनात्मक मजबूती का परिणाम है, न कि अस्थायी प्रोत्साहनों का।
उन्होंने लिखा, “भारत की नीतियों ने वैश्विक चुनौतियों के बीच घरेलू खपत और निवेश को बढ़ावा दिया।”
इसके विपरीत:
• चीन –5% के आसपास अटका है, प्रॉपर्टी संकट और लॉकडाउन के कारण
• रूस –8% पर स्थिर, प्रतिबंधों से प्रभावित
• यूरो क्षेत्र –3% पर, मुद्रास्फीति और भू-राजनैतिक तनाव का असर
• अमेरिका की वृद्धि काफी हद तक AI डेटा सेंटर निवेश पर निर्भर है—2025 की पहली छमाही की 92% वृद्धि इसी से जुड़ी है
भारत को मिली बढ़त के प्रमुख कारण:
• मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
• युवा जनसंख्या
• उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) जैसी सुधार योजनाएँ
• इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा निर्यात में रिकॉर्ड उछाल
• आईटी सेवाओं में निरंतर मजबूती
• केंद्र सरकार की वित्तीय नीति—राजकोषीय घाटा 6% से नीचे रखा गया, जिससे लक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक खर्च के लिए जगह बनी
IMF के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 7–8% वार्षिक वृद्धि दर्ज कर रही है—जो उभरते बाजारों के लिए एक वैश्विक मॉडल के रूप में उभर रही है।
फर्मन का विश्लेषण संकेत देता है कि जहाँ विकसित अर्थव्यवस्थाएँ ठहराव से जूझ रही हैं, भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है।
अमेरिका में आर्थिक बहस के बीच फर्मन ने कहा,
“कई देशों ने तेज़ रिकवरी देखी, लेकिन बहुत कम ने वास्तव में महामारी के आघात को पीछे छोड़ा। भारत इस सूची में सबसे आगे है।”
जैसे-जैसे 2025 अपनी अंतिम तिमाही की ओर बढ़ रहा है, ग्राफ का संदेश स्पष्ट है—
सच्ची मजबूती सिर्फ वापसी नहीं, बल्कि भविष्य को नया आकार देने में है।
With inputs from IANS