
मुंबई- भारतीय रुपया सोमवार को मजबूती के साथ खुला और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 26 पैसे की बढ़त दर्ज की। मुद्रा विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुधार भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा हालिया हस्तक्षेप और समर्थन के कारण देखने को मिला है।
रुपया सोमवार को 89.1450 पर खुला, जबकि पिछला बंद भाव 89.4088 रहा था।
विशेषज्ञों के अनुसार, तकनीकी दृष्टि से 88.80 अब एक मजबूत सपोर्ट लेवल बन गया है। उनका कहना है कि यदि रुपया इस स्तर के नीचे दैनिक आधार पर बंद होता है, तो यह मुद्रा की और मजबूती का संकेत दे सकता है।
21 नवंबर को रुपया 89.49 के रिकॉर्ड निम्न स्तर तक फिसल गया था। यह गिरावट विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार से निकासी, भारत–अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता और उस समय आरबीआई से हस्तक्षेप की कमी के कारण आई थी।
हाल के हफ्तों में आरबीआई मुद्रा बाजार में सक्रिय रहा है ताकि तेज उतार-चढ़ाव को कम किया जा सके और रुपये में बड़े झटकों को रोका जा सके।
विश्लेषकों ने कहा, “स्पष्ट संचार या भारत–अमेरिका व्यापार समझौते में प्रगति न होने से रुपये पर भारी दबाव बना और यह 89.60 के नए ऐतिहासिक निचले स्तर तक गिर गया, जो 0.90 पैसे या -1.02 प्रतिशत की गिरावट थी।”
उन्होंने आगे कहा, “टैरिफ में कमी या व्यापार से जुड़े आश्वासनों की कोई स्पष्टता नहीं होने से सेंटीमेंट कमजोर रहा, जिससे रुपये में व्यापक बिकवाली देखने को मिली।”
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, निकट अवधि में रुपये में कमजोरी बनी रह सकती है और यह 89.20–90.00 की रेंज में ट्रेड कर सकता है।
उधर, सोमवार को भारतीय शेयर बाजार भी सकारात्मक रुख के साथ खुले, जिसे वैश्विक बाजारों में खरीदारी का समर्थन मिला।
शुरुआती कारोबार में दोनों बेंचमार्क सूचकांकों में 0.1 प्रतिशत तक की बढ़त दिखी। सेंसेक्स 122 अंकों की बढ़त के साथ 85,354 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 41 अंक चढ़कर 26,109 पर था।
With inputs from IANS