
नई दिल्ली- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बताया कि भारतीय परिवारों की शुद्ध वित्तीय संपत्तियाँ FY25 में बढ़कर 9.9 लाख करोड़ रुपये हो गईं, जो GDP का 6% है। यह FY24 के 5.3% की तुलना में उल्लेखनीय सुधार है।
इसके साथ ही, परिवारों की वित्तीय देनदारियाँ भी तेजी से घटीं और FY25 में 15.7 लाख करोड़ रुपये (GDP का 4.7%) रह गईं, जबकि पिछले वर्ष यह कहीं अधिक थी।
नवीनतम RBI आंकड़ों के अनुसार, FY23 में घरेलू बचत GDP के 4.9% तक गिर गई थी — जो 1970 के दशक के बाद सबसे निचला स्तर था। लेकिन FY24 और FY25 में तेज रिकवरी से संकेत मिलता है कि परिवार महामारी के बाद अपनी वित्तीय सुरक्षा तेजी से मजबूत कर रहे हैं।
घरेलू देनदारियों में भी सुधार
FY25 में वित्तीय कर्ज घटकर 15.7 लाख करोड़ रुपये रह गया, जबकि FY24 में यह 18.8 लाख करोड़ रुपये था। GDP अनुपात में यह गिरावट 6.2% से 4.7% तक आई।
यह सुधार इस तथ्य के अनुरूप है कि FY25 में समग्र क्रेडिट ग्रोथ 16% से घटकर 12% रह गई है, जिसका कारण असुरक्षित और खुदरा ऋण पर कड़े नियामकीय कदम माने जा रहे हैं।
हालाँकि सोने के बदले लिए जाने वाले ऋण (Gold Loans) में वृद्धि जारी रही, पर नियामकीय निगरानी बढ़ने के कारण इसकी रफ्तार भी अब धीमी पड़ सकती है।
इक्विटी निवेश में ऐतिहासिक उछाल
FY25 के आंकड़ों में सबसे उल्लेखनीय बदलाव परिवारों की इक्विटी में बढ़ती रुचि है।
शेयर बाजार से जुड़े निवेश घरेलू वित्तीय संपत्तियों का 15.1% हो गए — अब तक का सबसे उच्च स्तर।
FY24 में यह 8.7% था और FY23 में 7.3%।
यह उछाल भारतीय पूंजी बाजारों में मजबूत विश्वास और बेहतर रिटर्न की उम्मीद को दर्शाता है।
इसके विपरीत, बैंक जमा का हिस्सा घटकर FY25 में 35.2% रह गया है, क्योंकि परिवार कम ब्याज देने वाली पारंपरिक बचत योजनाओं से धीरे-धीरे दूरी बना रहे हैं।
With inputs from IANS