नवंबर में UPI लेन-देन में 32% की वृद्धि, उपभोग बना मजबूतBy Admin Mon, 01 December 2025 06:11 AM

नई दिल्ली: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने नवंबर महीने में साल-दर-साल (YoY) 32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 20.47 अरब लेन-देन दर्ज किए। लेन-देन राशि भी 22 प्रतिशत बढ़कर ₹26.32 लाख करोड़ तक पहुंच गई, यह जानकारी सोमवार को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों से मिली।

NPCI के अनुसार, नवंबर में प्रतिदिन औसत लेन-देन राशि ₹87,721 करोड़ रही।
नवंबर में औसत दैनिक लेन-देन संख्या 682 मिलियन रही, जो अक्टूबर के 668 मिलियन से अधिक है।

IMPS लेन-देन
इंस्टेंट मनी ट्रांसफर (IMPS) के माध्यम से नवंबर में मासिक लेन-देन ₹6.15 लाख करोड़ रहे, जो साल-दर-साल 10 प्रतिशत अधिक हैं। लेन-देन संख्या 369 मिलियन दर्ज की गई। IMPS में दैनिक लेन-देन राशि ₹20,506 करोड़ रही।

अक्टूबर में UPI ने 25 प्रतिशत YoY वृद्धि के साथ 20.70 अरब लेन-देन दर्ज किए थे, जबकि लेन-देन राशि 16 प्रतिशत बढ़कर ₹27.28 लाख करोड़ हुई थी।

2025 की पहली छमाही में UPI का दबदबा जारी
साल 2025 की पहली छमाही में UPI लेन-देन में 35 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, जो 106.36 अरब तक पहुंच गई। इन लेन-देन का कुल मूल्य ₹143.34 लाख करोड़ रहा, जो दर्शाता है कि डिजिटल भुगतान भारत के दैनिक जीवन में कितनी गहराई से समाहित हो चुका है। यह जानकारी वर्ल्डलाइन की इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट (1H 2025) में दी गई है।

P2M लेन-देन में 37% वृद्धि — किराना इफेक्ट
पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) लेन-देन 37 प्रतिशत बढ़कर 67.01 अरब हो गए, जिसका बड़ा कारण “किराना इफेक्ट” है—जहां छोटे और सूक्ष्म व्यवसाय भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनते जा रहे हैं।

भारत का QR-आधारित भुगतान नेटवर्क भी तेज़ी से बढ़ा है, जो जून 2025 तक दोगुने से भी अधिक बढ़कर 678 मिलियन हो गया—जनवरी 2024 से 111 प्रतिशत की छलांग।

भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) ने सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने, ग्रामीण–शहरी अंतर कम करने और भारत को वैश्विक डिजिटल शक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

 

With inputs from IANS