भारत की ऑटो रिटेल बिक्री नवंबर में 2% बढ़ीBy Admin Mon, 08 December 2025 06:38 AM

नई दिल्ली- भारत के ऑटो रिटेल उद्योग ने नवंबर में स्थिर वृद्धि दर्ज की, जहां कुल वाहन बिक्री सालाना आधार (YoY) पर 2.14% बढ़कर 33.01 लाख यूनिट तक पहुंच गई। यह आंकड़े फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) द्वारा जारी किए गए हैं।

त्योहारी सीजन के बाद भी मांग स्थिर बनी रही, जबकि GST 2.0 लागू होने के बाद कीमतों में कमी ने ग्राहकों को शोरूम तक आकर्षित किया।

पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में सुधार
पैसेंजर वाहन बिक्री में सकारात्मक संकेत मिले, जिसका कारण बेहतर मॉडल उपलब्धता और कॉम्पैक्ट SUV की मजबूत मांग रही।
इन्वेंट्री स्तर भी पिछले महीने के 53–55 दिनों से घटकर 44–46 दिन रह गए, जिससे उपभोक्ता रुचि बढ़ने का संकेत मिलता है।

मारुति सुजुकी ने 39.4% मार्केट शेयर के साथ अपनी शीर्ष स्थिति बनाए रखी। इसके बाद महिंद्रा 13.7% और टाटा मोटर्स 13.2% हिस्सेदारी के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।

दोपहिया सेगमेंट में गिरावट
इसके विपरीत, दोपहिया वाहन बिक्री महीने-दर-महीने 19.16% घटकर 25.46 लाख यूनिट रह गई।
सालाना आधार पर गिरावट 3.10% रही।
FADA के अध्यक्ष सी. एस. विनेश्वर ने कहा कि इसे संदर्भ में देखना होगा क्योंकि अक्टूबर में त्योहारों की वजह से मांग पहले ही निकल चुकी थी।

उन्होंने बताया कि फसल भुगतान में देरी और कुछ लोकप्रिय मॉडलों की अनियमित सप्लाई ने असर डाला, लेकिन GST बदलावों और शादी के सीजन के कारण ग्राहकों की शोरूम में आवाजाही मजबूत बनी हुई है।

उन्होंने कहा, “नवंबर ने सामान्य पोस्ट-फेस्टिव स्लोडाउन को पीछे छोड़ते हुए मजबूत प्रदर्शन किया, भले ही तुलना का आधार असामान्य रूप से ऊंचा था।”

थ्री-व्हीलर सेगमेंट में उछाल
तीन-पहिया वाहन श्रेणी में सालाना आधार पर 23.67% की मजबूत वृद्धि हुई, जिसका मुख्य कारण ई-रिक्शा और ई-कार्ट की मांग बढ़ना था।

कमर्शियल वाहन बिक्री मिश्रित
नवंबर में कमर्शियल वाहन सेगमेंट का प्रदर्शन मिश्रित रहा।
जहां लाइट और मीडियम कमर्शियल वाहनों की बिक्री कमजोर रही, वहीं हेवी कमर्शियल वाहनों (HCV) की बिक्री महीने-दर-महीने 3.28% बढ़कर 28,659 यूनिट हो गई।

विश्लेषकों ने कहा कि नवंबर में उद्योग ने मजबूती दिखाई, जहां पैसेंजर वाहनों और तीन-पहिया श्रेणी के बेहतर प्रदर्शन ने दोपहिया और कुछ कमर्शियल श्रेणियों की कमजोरी की भरपाई कर दी।

 

With inputs from IANS