FY27 में महंगाई नियंत्रण में रहने की उम्मीद, वृद्धि कमजोर रही तो ही होगी एक और दर कटौती: रिपोर्टBy Admin Tue, 16 December 2025 05:37 AM

नई दिल्ली — अच्छी तरह भरे हुए अनाज भंडार, कच्चे तेल की कम कीमतें और कोर डिसइन्फ्लेशन के लंबे समय तक बने रहने वाले कारक वित्त वर्ष 2026-27 (FY27) में भी भारत में महंगाई को नियंत्रण में रखने में मदद करेंगे। यह बात एक नई रिपोर्ट में कही गई है।

एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि “हम भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो दर में और कटौती का अनुमान नहीं लगाते हैं, लेकिन यदि आर्थिक वृद्धि उम्मीद से कमजोर रहती है, तो जोखिम और अधिक मौद्रिक ढील की ओर हो सकता है।”

नवंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर सालाना आधार पर 0.7 प्रतिशत रही, जो बाजार के अनुमानों के अनुरूप है। हालांकि मासिक आधार पर इसमें 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, लेकिन बेस इफेक्ट के कारण वार्षिक आंकड़े दबे हुए बने रहे।

सोने को छोड़कर देखें तो हेडलाइन सीपीआई नवंबर में डिफ्लेशन में रही, जो -0.1 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि इससे पहले यह -0.6 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट के अनुसार, “खाद्य कीमतों में सालाना आधार पर लगातार तीसरे महीने डिफ्लेशन बना रहा। हालांकि मासिक आधार पर खाद्य कीमतों में 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो दो महीनों की गिरावट के बाद आई। सब्जियों की कीमतों में दो महीने की गिरावट के बाद तेजी आई, वहीं अंडा, मांस और मछली जैसे प्रोटीन उत्पादों की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी गई।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की कीमतों ने कोर महंगाई को ऊंचा बनाए रखा। सीपीआई बास्केट में 1.1 प्रतिशत वजन रखने वाले सोने की कीमतें नवंबर में 59 प्रतिशत बढ़ीं, जिससे अकेले सोने का योगदान सीपीआई महंगाई में लगभग 63 आधार अंक रहा। एचएसबीसी की पसंदीदा कोर महंगाई की परिभाषा (खाद्य, ऊर्जा, आवास और सोना छोड़कर) के अनुसार, यह तीसरी तिमाही FY25 में सालाना 3.2 प्रतिशत पर स्थिर थी, जो नवंबर में घटकर 2.5 प्रतिशत रह गई।

अक्टूबर में तेज गिरावट के बाद नवंबर में वस्तुओं की महंगाई भी नियंत्रण में बनी रही।

रिपोर्ट के मुताबिक, मजबूत अनाज उत्पादन, भरे हुए सरकारी भंडार और सर्दियों के दौरान डिसइन्फ्लेशन से निकट भविष्य में खाद्य महंगाई पर लगाम लगे रहने की संभावना है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “यह केवल खाद्य कीमतों में नरमी तक सीमित नहीं है। पिछले वर्ष का ऊंचा आधार अगले कुछ महीनों तक सीपीआई महंगाई को नरम बनाए रख सकता है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें भी कम हैं और चीन से सस्ते आयात से कोर महंगाई लंबे समय तक दबाव में रह सकती है।”

भारतीय रिज़र्व बैंक ने FY27 की पहली छमाही के लिए महंगाई अनुमान को 50 आधार अंक घटाकर 4.5 प्रतिशत से 4 प्रतिशत कर दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया, “हालांकि हमारा अनुमान आरबीआई के मुकाबले 50 आधार अंक कम, यानी 3.5 प्रतिशत है। यदि हमारा आकलन सही साबित होता है और आरबीआई आगे चलकर महंगाई अनुमान में और कटौती करता है, तो आर्थिक वृद्धि की आवश्यकता पड़ने पर मौद्रिक नीति में और ढील की गुंजाइश बन सकती है।”

 

With inputs from IANS