10 वर्षों में 15.2 प्रतिशत शेयरधारक रिटर्न के साथ भारत वैश्विक स्तर पर पहले स्थान परBy Admin Fri, 19 December 2025 03:37 AM

नई दिल्ली- पिछले एक दशक में भारत के पूंजी बाजारों ने वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक कुल शेयरधारक रिटर्न दर्ज किया है। वर्ष 2015 से 2025 के बीच भारत ने औसतन 15.2 प्रतिशत वार्षिक रिटर्न दिया, जो विकसित और उभरते — दोनों ही तरह के बाजारों से बेहतर रहा है। यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का औसत वार्षिक टोटल शेयरहोल्डर रिटर्न (टीएसआर) 15.2 प्रतिशत रहा, जो अमेरिका के एसएंडपी 500 (13.6 प्रतिशत), यूरोपीय संघ के ईयू350 (7 प्रतिशत) और जापान, चीन व सिंगापुर सहित प्रमुख एशिया-प्रशांत बाजारों से कहीं अधिक है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की यह बेहतर टीएसआर उपलब्धि संरचनात्मक रूप से अधिक मजबूत रही है और यह केवल राजस्व वृद्धि पर आधारित नहीं थी, बल्कि मार्जिन में सुधार और वैल्यूएशन मल्टीपल के विस्तार से भी प्रेरित रही।

रिपोर्ट के अनुसार, हाल के वर्षों में सेक्टर रोटेशन देखने को मिला है, जिसमें इंडस्ट्रियल्स, ग्रीन एनर्जी, मेटल्स एवं माइनिंग तथा टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों ने नेतृत्व किया। यह बढ़त पीएलआई आधारित मैन्युफैक्चरिंग, बुनियादी ढांचे में निवेश और डिजिटल-आधारित व्यवसायों के विस्तार के कारण संभव हुई।

बीसीजी ने पारिवारिक स्वामित्व वाली कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन को भी रेखांकित किया है, जिन्होंने औसतन 20.7 प्रतिशत टीएसआर दर्ज किया। रिपोर्ट के अनुसार, दीर्घकालिक निवेश दृष्टिकोण और रणनीतिक विविधीकरण की मजबूत क्षमता ने इन्हें भारत की अर्थव्यवस्था में निरंतर मूल्य सृजन करने वाला प्रमुख वर्ग बना दिया है।

बीसीजी के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कॉरपोरेट फाइनेंस एवं स्ट्रैटेजी प्रैक्टिस प्रमुख कंचन सामतानी ने कहा, “भारत के पूंजी बाजार अब केवल व्यापक आर्थिक गति पर निर्भर नहीं हैं। वे तेजी से विकसित हो रहे हैं, जहां स्पष्ट सेक्टोरल बदलाव, बेहतर पूंजी प्रबंधन और कॉरपोरेट नेतृत्व की रणनीतियों का निवेशकों की अपेक्षाओं से मजबूत तालमेल दिखाई देता है।”

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शीर्ष चतुर्थांश (टॉप-क्वार्टाइल) टीएसआर प्रदर्शन करने वाली लगभग 75 प्रतिशत कंपनियों ने एक साथ राजस्व वृद्धि और मार्जिन विस्तार हासिल किया, जो पूंजी-कुशल और लाभकारी तरीके से बड़े पैमाने पर विस्तार का संकेत देता है।

बीसीजी इंडिया के कॉरपोरेट फाइनेंस एवं स्ट्रैटेजी प्रैक्टिस प्रमुख अक्षय कोहली के अनुसार, मूल्य सृजन का अगला चरण अधिक स्पष्ट रणनीतिक फोकस, पूंजी आवंटन में अनुशासन और अधिक पारदर्शिता की मांग करेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जो कंपनियां अपने ऑपरेटिंग मॉडल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को प्रभावी ढंग से शामिल करेंगी, वही अगले दशक में पूंजी बाजार नेतृत्व को परिभाषित करेंगी।

 

With inputs from IANS