नई दिल्ली — भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अचानक ब्याज दरों में कटौती के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 27 जून को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU Banks) के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। इस बैठक में बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी और प्रमुख सरकारी योजनाओं पर चर्चा होगी।
यह बैठक RBI द्वारा नीति रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर उसे 5.5% करने और नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर उसे 3% करने के फैसले के बाद पहली बड़ी समीक्षा बैठक होगी।
CRR में यह कटौती चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी, जिससे बैंकिंग प्रणाली में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी आएगी। इससे तरलता बढ़ेगी और कर्ज वितरण को प्रोत्साहन मिलेगा।
RBI की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति, जिसकी अध्यक्षता गवर्नर संजय मल्होत्रा कर रहे हैं, ने इस नीतिगत नरमी के पक्ष में 5-1 से मतदान किया।
इन कटौतियों का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि को गति देना है, जो वित्त वर्ष 2025 में घटकर 6.5% के चार साल के निचले स्तर पर आ गई है।
माना जा रहा है कि वित्त मंत्री इस बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करेंगी और चालू वित्त वर्ष के लिए नए लक्ष्य निर्धारित करेंगी। साथ ही, उत्पादक क्षेत्रों में ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए भी बैंकों को प्रोत्साहित करेंगी।
बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और तीन प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजनाएं —
यह समीक्षा ऐसे समय हो रही है जब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2025 में इन बैंकों का सम्मिलित लाभ 26% की वृद्धि के साथ 1.78 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो FY24 के 1.41 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। सभी 12 सार्वजनिक बैंक लाभ में रहे।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सबसे अधिक 70,901 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16% अधिक है। अकेले SBI ने सार्वजनिक बैंकों की कुल कमाई का 40% से अधिक योगदान दिया।
With inputs from IANS