
नई दिल्ली — भारत में घरेलू हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या इस वर्ष मई में 1.89 प्रतिशत बढ़कर 1.4 करोड़ पहुंच गई, जो पिछले साल इसी महीने में 1.38 करोड़ थी। यह जानकारी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों में सामने आई है।
मई में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा 26 लोगों की निर्मम हत्या के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव के चलते सीमा के पास स्थित 30 से अधिक हवाई अड्डों पर लगभग एक सप्ताह तक उड़ान सेवाएं प्रभावित रहीं।
इस अस्थिरता का असर सभी एयरलाइनों की पैसेंजर लोड फैक्टर (PLF) — यानी उड़ानों में भरी सीटों की औसत दर — पर भी पड़ा।
इंडिगो का PLF 86.9% से गिरकर 85.1%
स्पाइसजेट का PLF 86% से घटकर 84%
एयर इंडिया का PLF 83.3% से घटकर 80.2% हो गया
वहीं अकासा एयर का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा, जिसका PLF 91.4% रहा।
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने मई में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाकर 64.6% कर ली, जो पिछले साल इसी अवधि में 64.1% थी। इस दौरान कंपनी ने 90.8 लाख यात्रियों को सफर कराया।
दूसरी ओर, एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी घटकर 26.5% रह गई, जो पहले 27.2% थी। इसने मई में 37.22 लाख यात्रियों को सेवाएं दीं।
स्पाइसजेट की हिस्सेदारी 2.6% से घटकर 2.4%
जबकि अकासा एयर की हिस्सेदारी 5% से बढ़कर 5.3% हो गई।
मई में घरेलू एयरलाइनों को कुल 958 उपभोक्ता शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें सबसे ज्यादा एलायंस एयर के खिलाफ दर्ज हुईं, उसके बाद फ्लाई बिग और स्पाइसजेट का स्थान रहा।
समय पालन (On-time performance) के मामले में:
इंडिगो सबसे आगे रहा 84% समयबद्धता के साथ
उसके बाद एयर इंडिया ग्रुप (79.7%),
अकासा एयर (78.9%),
एलायंस एयर (53.5%)
और स्पाइसजेट (50.1%) रहे।
मई में घरेलू उड़ानों का रद्दीकरण दर 2.51% दर्ज किया गया।
With inputs from IANS