नई दिल्ली — भारत के स्मार्टफोन बाजार ने अप्रैल-जून की तिमाही में 7 प्रतिशत की साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की है, जिससे कुल बिक्री 3.9 करोड़ यूनिट्स तक पहुंच गई। यह वृद्धि इन्वेंटरी से जुड़ी चुनौतियों में कमी और ब्रांड्स की बढ़ी हुई गतिविधियों के कारण देखी गई। यह जानकारी Canalys (अब Omdia का हिस्सा) की एक नई रिपोर्ट में दी गई है।
Canalys के प्रिंसिपल एनालिस्ट, संयम चौरसिया ने कहा:
“शीर्ष पांच ब्रांड्स के बाहर भी बढ़ती प्रतिस्पर्धा भारत के स्मार्टफोन परिदृश्य को नया आकार दे रही है, जहां प्रीमियम कंपनियां और डिज़ाइन-आधारित ब्रांड्स अपने रणनीतिक दृष्टिकोण को और परिष्कृत कर रहे हैं।”
रिपोर्ट के अनुसार, पहली तिमाही में ऊंचे इन्वेंटरी स्तर के कारण ब्रांड्स सतर्क थे, लेकिन दूसरी तिमाही में नए लॉन्च की अधिकता ने बाजार को फिर से सक्रिय किया।
Q2 2025 में एप्पल छठे स्थान पर रहा, जहां iPhone 16 सीरीज़ ने उसकी कुल शिपमेंट का 55% से अधिक हिस्सा बनाया। साथ ही, iPhone 15 और 13 की मांग भी विभिन्न प्राइस रेंज में बनी रही।
रिपोर्ट के मुताबिक:
Vivo (iQOO को छोड़कर) ने 81 लाख यूनिट्स की शिपमेंट के साथ 21% बाजार हिस्सेदारी हासिल कर टॉप पर रहा।
Samsung ने 62 लाख यूनिट्स के साथ 16% हिस्सेदारी के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया।
OPPO (OnePlus को छोड़कर) ने 50 लाख यूनिट्स भेजे और Xiaomi को पीछे छोड़ तीसरे स्थान पर पहुंच गया, जिसने भी लगभग 50 लाख यूनिट्स की शिपमेंट की।
realme ने 36 लाख यूनिट्स के साथ शीर्ष पांच में जगह बनाई।
चौरसिया के अनुसार,
"2025 की दूसरी छमाही में भारत का स्मार्टफोन बाजार नए उत्पाद लॉन्च की बजाय चैनल रणनीति और वितरण पर अधिक निर्भर करेगा।"
रिपोर्ट के अनुसार, आगामी त्योहारी सीज़न — जैसे मानसून सेल्स, दुर्गा पूजा और दिवाली — को देखते हुए ब्रांड्स अपने डिस्ट्रिब्यूटरों और रिटेलर्स के साथ इन्वेंटरी लॉक कर रहे हैं। इसके तहत प्रदर्शन के आधार पर विदेश यात्रा से लेकर वाहन तक के इनाम देने वाले चैनल इंसेंटिव प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं।
इसके साथ ही, रिटेल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार तेज़ी से हो रहा है — बेहतर बूथ सेटअप, व्यवस्थित शेल्फ डिस्प्ले और प्रमोटर टारगेट्स के लिए कड़े दिशानिर्देश लागू किए जा रहे हैं।
साथ ही, ब्रांड्स किफायती EMI विकल्पों को बढ़ाकर खासतौर पर मिड से हाई-एंड स्मार्टफोन्स को खरीदना आसान बना रहे हैं।
With inputs from IANS