
नई दिल्ली — सरकार ने बताया है कि टेलीकॉम क्षेत्र में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत लाभार्थी कंपनियों ने अब तक कुल ₹4,305 करोड़ का निवेश किया है। इस निवेश से ₹85,391 करोड़ की बिक्री हुई है, जिसमें ₹16,414 करोड़ का निर्यात (31 मई 2025 तक) भी शामिल है।
संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस निवेश से अब तक 28,067 लोगों को रोजगार मिला है।
₹12,195 करोड़ के बजट वाली यह योजना घरेलू टेलीकॉम और नेटवर्किंग उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। PLI योजना के तहत अब तक 42 कंपनियों को मंजूरी दी गई है, जिनमें 28 एमएसएमई और 14 गैर-एमएसएमई कंपनियां शामिल हैं।
मंत्री ने बताया कि 5G सेवाओं की तैनाती के लिए विभिन्न बैंड्स — 700 MHz, 3300 MHz और 26 GHz — में स्पेक्ट्रम को 2022 और 2024 में आयोजित नीलामी के माध्यम से टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को आवंटित किया गया है।
जो सफल बोलीदाता स्पेक्ट्रम खरीदते हैं, उन्हें किसी भी IMT तकनीक, जिसमें 5G शामिल है, के उपयोग की अनुमति दी जाती है।
डॉ. शेखर ने आगे कहा कि डाक विभाग ने भी कई नए कदम उठाए हैं, जैसे:
पोस्ट ऑफिस बचत बैंक सेवाओं का डिजिटलीकरण
पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस को पेपरलेस और ऑनलाइन बनाना
डाकघर निर्यात केंद्र (Dak Ghar Niryat Kendra) की स्थापना
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ई-कॉमर्स कंपनियों से साझेदारी, ताकि ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग, बीमा और ई-कॉमर्स को बढ़ावा दिया जा सके।
दूरसंचार विभाग (DoT) ने संचार क्षेत्र में नवाचार और घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए भी कई पहलें की हैं।
‘डिजिटल कम्युनिकेशन इनोवेशन स्क्वायर (DCIS)’ योजना के तहत, DoT ने 126 प्रोजेक्ट्स को समर्थन दिया है, जो स्टार्टअप्स और MSMEs द्वारा संचालित हैं। इन प्रोजेक्ट्स पर कुल ₹108 करोड़ का बजट रखा गया है और इनमें स्वदेशी 5G जैसी उन्नत तकनीकों का विकास शामिल है।
मंत्री ने यह भी बताया कि भारतनेट परियोजना के तहत पूरे देश के सभी ग्राम पंचायतों (GPs) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। अब तक 2,14,325 ग्राम पंचायतों को सेवा के लिए तैयार कर लिया गया है।
With inputs from IANS