
नई दिल्ली — अनिल अंबानी के पूर्व नेतृत्व वाली दो सूचीबद्ध कंपनियों, रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, ने रविवार को पुष्टि की कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई हालिया छापेमारी की कार्रवाई अब आधिकारिक रूप से समाप्त हो चुकी है।
दोनों कंपनियों ने स्टॉक एक्सचेंज को दिए अपने बयानों में कहा कि उन्होंने ED के साथ पूरी तरह सहयोग किया है और आगे भी सहयोग करती रहेंगी।
ED ने 24 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपनी जांच के सिलसिले में मुंबई और दिल्ली में 35 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की थी।
माना जा रहा है कि यह कार्रवाई अनिल अंबानी के स्वामित्व वाले रिलायंस ग्रुप और यस बैंक से जुड़े करीब 3,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण घोटाले से संबंधित है।
रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि:
ED की कार्रवाई का उनके व्यापार संचालन, वित्तीय प्रदर्शन या हितधारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप से कार्यरत हैं और उनका रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) या रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) से कोई कारोबारी या वित्तीय संबंध नहीं है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि:
अनिल धीरूभाई अंबानी फिलहाल न तो रिलायंस पावर और न ही रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड सदस्य हैं,
इसलिए उनका इन कंपनियों के प्रशासन या संचालन पर कोई नियंत्रण नहीं है।
कंपनियों ने यह भी बताया कि ED की जांच RCOM या RHFL से जुड़े पिछले लेनदेन से संबंधित प्रतीत होती है, जो 10 साल से भी पुराने हैं।
उन्होंने कहा कि:
RCOM फिलहाल दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रही है,
जबकि RHFL का समाधान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पूरा हो चुका है।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स और ED की कार्रवाई के चलते शेयर बाजार में गिरावट देखी गई।
रिलायंस पावर का शेयर शुक्रवार को लगभग 5% गिरकर ₹56.72 पर बंद हुआ,
वहीं रिलायंस इंफ्रा का शेयर भी 5% गिरकर ₹342.05 पर बंद हुआ।
फिर भी दोनों कंपनियों ने भरोसा दिलाया कि वे सामान्य रूप से काम कर रही हैं और अपने व्यावसायिक लक्ष्यों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
With inputs from IANS