नई दिल्ली – वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत का स्मार्टफोन निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इस अवधि में $7.72 अरब मूल्य के स्मार्टफोन निर्यात किए गए, जो पिछले साल की समान तिमाही ($4.9 अरब) की तुलना में 58 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस तिमाही में Apple Inc. ने अपने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स के जरिए $6 अरब मूल्य के iPhone निर्यात किए, जो कि पिछले साल की तुलना में 82 प्रतिशत अधिक है।
यह तिमाही न केवल एप्पल के लिए अब तक की सबसे मजबूत रही, बल्कि यह भारत से सबसे अधिक स्मार्टफोन निर्यात वाली तिमाही भी रही। कुल स्मार्टफोन निर्यात का लगभग 78 प्रतिशत हिस्सा अकेले एप्पल से आया।
इस वृद्धि का मुख्य कारण 2020 में शुरू किया गया प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) कार्यक्रम बताया जा रहा है, जिसने भारत में स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को तेज़ी से बढ़ावा दिया है।
जहां FY21 में भारत ने $3.1 अरब मूल्य के स्मार्टफोन निर्यात किए थे, वहीं FY25 में यह आंकड़ा $24.1 अरब तक पहुंच गया, जिसमें से $17.5 अरब अकेले एप्पल से आया।
FY26 की पहली तिमाही में भारत का कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात $12.4 अरब रहा, जो सालाना आधार पर 48 प्रतिशत की वृद्धि है। इसमें 62 प्रतिशत हिस्सा स्मार्टफोन्स का रहा, जो पिछली तिमाही में 58 प्रतिशत था। इससे स्पष्ट होता है कि भारत अब केवल असेंबली नहीं, बल्कि वैल्यू-एडेड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग की ओर अग्रसर है।
अन्य उल्लेखनीय योगदानकर्ताओं में Padget Electronics (Dixon Technologies की सहायक कंपनी) शामिल है, जिसने $175 मिलियन मूल्य के स्मार्टफोन निर्यात किए, और Samsung, जिसका योगदान कुल स्मार्टफोन निर्यात का 12 प्रतिशत रहा।
इस बीच, अमेरिका में Trade Expansion Act की धारा 232 के तहत चल रही एक जांच, यदि भारत के खिलाफ जाती है, तो राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर आयात शुल्क लगाए जा सकते हैं। यह जांच 14 अगस्त तक पूरी होने की संभावना है।
ऐसी कोई भी कार्रवाई वैश्विक सप्लाई चेन को बाधित कर सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, FY15 में जो स्मार्टफोन भारत की निर्यात सूची में 167वें स्थान पर थे, वे अब FY25 में भारत के शीर्ष निर्यात उत्पाद बन चुके हैं (HS कोड के अनुसार), जो यह दर्शाता है कि भारत ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का एक उभरता हुआ केंद्र बनता जा रहा है।
With inputs from IANS