
मुंबई- आने वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) दर सुधार में केंद्र सरकार यात्री वाहनों (पीवी) और दोपहिया वाहनों पर कर कम करने की योजना बना रही है, जिससे दिवाली से पहले इन्हें अधिक किफायती बनाया जा सके।
वित्त मंत्रालय ने जीएसटी काउंसिल को प्रस्ताव भेजा है कि सभी वस्तुओं पर केवल दो दरें — 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत — लागू हों, जो मौजूदा चार स्लैब संरचना को बदल देंगी। राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलकर बनी जीएसटी काउंसिल इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए सितंबर में बैठक कर सकती है।
फिलहाल सभी यात्री वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है और इंजन क्षमता, लंबाई व बॉडी टाइप के आधार पर 1 से 22 प्रतिशत तक का क्षतिपूर्ति उपकर (सेस) भी लगता है। इससे कुल कर भार 50 प्रतिशत तक पहुँच जाता है। इलेक्ट्रिक कारों पर केवल 5 प्रतिशत जीएसटी है और उन पर कोई सेस नहीं लगता।
दोपहिया वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी है। 350cc तक की क्षमता वाले मॉडलों पर कोई सेस नहीं है, जबकि 350cc से ऊपर वाले मॉडलों पर 3 प्रतिशत सेस लागू है।
संशोधित जीएसटी संरचना में 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब हटाए जाने की संभावना है, जिससे आम बाजार के लिए बनी कारें और दोपहिया वाहन सस्ते हो जाएंगे। हालांकि, लक्जरी कारों जैसी सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत तक कर लगाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि इस दिवाली नागरिकों को डबल बोनस मिलेगा — जीएसटी सुधार के जरिए गरीब और मध्यम वर्ग के लिए वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी की जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा, “हम जीएसटी सुधारों की अगली पीढ़ी लेकर आ रहे हैं, जो इस दिवाली आपके लिए तोहफा होगी। आम आदमी के लिए जरूरी करों को काफी हद तक कम किया जाएगा और कई सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। हमारे एमएसएमई, छोटे उद्यमियों को बड़ा फायदा मिलेगा। रोजमर्रा की चीजें बेहद सस्ती होंगी और इससे अर्थव्यवस्था को भी नई रफ्तार मिलेगी।”
जीएसटी कटौती से यात्री वाहन और दोपहिया के एंट्री-लेवल मॉडल्स को सबसे ज्यादा लाभ होगा, जो अब तक ऊँची कीमतों और बढ़ती ब्याज दरों की वजह से दबाव झेल रहे थे। वाहन निर्माताओं ने इन कीमतों में बढ़ोतरी का कारण इनपुट लागत में इजाफा और अनिवार्य सुरक्षा सुविधाओं व उत्सर्जन मानकों में बदलाव को बताया था।
मारुति सुजुकी इंडिया, हीरो मोटोकॉर्प और अन्य उद्योग संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने छोटे कारों की बिक्री बढ़ाने के लिए कर सुधार की वकालत की थी। उन्होंने जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग की थी ताकि किफ़ायत, बिक्री और विनिर्माण वृद्धि को बढ़ावा मिल सके। जीएसटी दर कटौती की उम्मीदों के चलते सुबह 10:35 बजे तक निफ्टी ऑटो इंडेक्स 4.61 प्रतिशत तक उछल गया।
With inputs from IANS