
नई दिल्ली। भारत से एप्पल के आईफोन निर्यात में इस साल अप्रैल-जुलाई अवधि में लगभग 63 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह निर्यात 7.5 अरब डॉलर तक पहुँच गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष (FY25) की समान अवधि में यह 4.6 अरब डॉलर रहा था।
उद्योग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, इस वित्त वर्ष की पहली चार महीनों में कुल स्मार्टफोन निर्यात भी 52 प्रतिशत की छलांग लगाकर 10 अरब डॉलर पर पहुँच गया, जो पिछले साल की समान अवधि (6.4 अरब डॉलर) से कहीं अधिक है।
पहली तिमाही (Q1 FY26) में भी भारत के स्मार्टफोन निर्यात ने रिकॉर्ड बनाया। अप्रैल-जून अवधि में निर्यात 58 प्रतिशत बढ़कर 7.72 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 4.9 अरब डॉलर था। इस दौरान, एप्पल ने अपने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स के ज़रिए 6 अरब डॉलर के आईफोन निर्यात किए, जो पिछले साल से 82 प्रतिशत अधिक है।
इस बीच, ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज और एप्पल की प्रमुख सप्लायर कंपनी फॉक्सकॉन ने बेंगलुरु स्थित अपनी नई फैक्ट्री में आईफोन 17 का उत्पादन शुरू कर दिया है। लगभग 2.8 अरब डॉलर (करीब 25,000 करोड़ रुपये) के निवेश से बनी यह इकाई चीन के बाहर फॉक्सकॉन की दूसरी सबसे बड़ी आईफोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है।
एप्पल भारत को विनिर्माण हब के रूप में बड़ी उम्मीदों के साथ देख रहा है। कंपनी इस साल आईफोन उत्पादन को 6 करोड़ यूनिट तक बढ़ाने की योजना बना रही है, जबकि 2024-25 में यह आंकड़ा 3.5-4 करोड़ यूनिट था। वित्त वर्ष 2024-25 (31 मार्च को समाप्त) में एप्पल ने भारत में 60 प्रतिशत अधिक आईफोन बनाए, जिनकी अनुमानित कीमत 22 अरब डॉलर रही।
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने हाल ही में कंपनी की वैश्विक सप्लाई चेन में भारत के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया। 31 जुलाई को वित्तीय परिणामों की घोषणा के बाद उन्होंने खुलासा किया कि जून 2025 में अमेरिका में बिके अधिकांश आईफोन भारत में बने थे।
‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बड़ा प्रोत्साहन मिला है। भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 2014-15 में 31 अरब डॉलर से बढ़कर एक दशक में 133 अरब डॉलर तक पहुँच गया है।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात भी पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 47 प्रतिशत से अधिक बढ़ा।
With inputs from IANS