
मुंबई — भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों ने गुरुवार सुबह मिले-जुले वैश्विक संकेतों के बीच मामूली बढ़त दर्ज की।
सेंसेक्स 89 अंक यानी 0.11 प्रतिशत चढ़कर 81,947 पर पहुंचा। निफ्टी 14 अंक या 0.06 प्रतिशत बढ़कर 25,064 अंकों पर कारोबार कर रहा था।
ब्रॉडर मार्केट्स ने दिन की शुरुआत मिश्रित रुख के साथ की। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 0.10 प्रतिशत फिसला, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 0.22 प्रतिशत चढ़ा।
निफ्टी आईटी इंडेक्स 0.61 प्रतिशत गिरा, निफ्टी एफएमसीजी 0.42 प्रतिशत कमजोर हुआ, जबकि निफ्टी रियल्टी 0.79 प्रतिशत चढ़ा। अन्य ज्यादातर सूचकांकों में हल्की गिरावट और मामूली बढ़त देखने को मिली।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा, “कल की तेजी 25,096 के स्तर पर आकर थम गई, जो कल का पहला ऊपरी लक्ष्य था। चूंकि निफ्टी ऊपरी बोलिंजर बैंड के करीब है, इसलिए एक समेकन (कंसोलिडेशन) की उम्मीद की जा सकती है।”
उन्होंने आगे कहा, “तेजी से गिरावट की संभावना कम है, लेकिन 25,000–24,977 या उससे नीचे तक फिसलने के बाद फिर से तेजी की कोशिश हो सकती है।”
निफ्टी पैक में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस 1.20 प्रतिशत की बढ़त के साथ टॉप गेनर रहा। बजाज फिनसर्व, ट्रेंट और टाटा मोटर्स अन्य प्रमुख लाभार्थी रहे। वहीं हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल), टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील और एशियन पेंट्स प्रमुख गिरने वाले शेयरों में शामिल रहे।
चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग की अमृता शिंदे ने कहा, “डेली चार्ट पर एक मजबूत बुलिश कैंडलस्टिक नए सिरे से मजबूती और रफ्तार का संकेत दे रही है। सूचकांक सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से ऊपर आराम से ट्रेड कर रहा है, जो मजबूत अंडरलाइंग ट्रेंड की पुष्टि करता है।”
उन्होंने जोड़ा, “तुरंत सपोर्ट 25,000 और 24,800 पर है, जबकि रेसिस्टेंस 25,100 और 25,200 पर स्थित है।”
वैश्विक स्तर पर, वॉल स्ट्रीट के शेयर टेक शेयरों के नेतृत्व में गिरे, जबकि एशिया-प्रशांत बाजारों में ज्यादातर बढ़त देखी गई।
अमेरिकी बाजारों में डॉव जोन्स 0.04 प्रतिशत चढ़ा, जबकि नैस्डैक 0.67 प्रतिशत और एसएंडपी 500 0.24 प्रतिशत गिरा।
एशिया में, चीन का शंघाई सूचकांक 0.30 प्रतिशत और शेनझेन सूचकांक 0.38 प्रतिशत बढ़ा। जापान का निक्केई 0.58 प्रतिशत फिसला, हांगकांग का हैंगसेंग 0.13 प्रतिशत टूटा, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.11 प्रतिशत चढ़ा।
बुधवार को विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार दूसरे दिन नेट सेलर रहे और 1,100 करोड़ रुपये के भारतीय शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1,806 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी कर बाजार को समर्थन दिया।
विश्लेषकों ने कहा, “निवेशकों को इस बाजार में वैल्यूएशन को लेकर सतर्क रहना होगा।”
With inputs from IANS