
हजारीबाग- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन (17 सितम्बर) पर झारखंड के हजारीबाग जिले के चानो गांव की लक्ष्मी कुमारी, जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की लाभार्थी हैं, ने दिल से आशीर्वाद भेजा। उन्होंने कहा, “मोदी जी हजारों साल जिएं और हमारे व्यवसायों में इसी तरह सहयोग करते रहें।”
आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा, “पहले हमारे पास कोई काम नहीं था, लेकिन अब मोदी जी की सरकार द्वारा शुरू की गई योजना के तहत चल रहे कैंटीन की वजह से हम बच्चों की स्कूल फीस तक भर पा रहे हैं।”
लक्ष्मी की जीवनयात्रा इस बात का जीवंत उदाहरण है कि एनआरएलएम ने कैसे ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाया और उनकी जिंदगी बदल दी। सदर प्रखंड की रहने वाली लक्ष्मी ने ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटीआई) से प्रशिक्षण लिया। यह प्रशिक्षण एनआरएलएम के तहत दिया गया था। इसी से उन्हें विनोबा भावे विश्वविद्यालय परिसर में खाद्य कैंटीन शुरू करने का अवसर मिला।
अब उन्हें कैंपस में “कैफे वाली दीदी” के नाम से जाना जाता है। यह कैंटीन छात्रों और शिक्षकों को पौष्टिक व सस्ता भोजन उपलब्ध कराती है। उनकी पाककला और समर्पण ने उन्हें सम्मान और स्नेह दिलाया है, जिससे उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई। लक्ष्मी को गर्व है कि वह युवाओं में स्वच्छता और स्वस्थ खानपान की आदतें भी बढ़ावा दे रही हैं, क्योंकि पोषण शिक्षा और जीवन की गुणवत्ता के लिए अहम है।
एनआरएलएम से पहले उनकी जिंदगी संघर्षों से भरी थी। लक्ष्मी भावुक होकर कहती हैं, “कई दिन ऐसे थे जब हमें समझ नहीं आता था कि बिल कैसे भरें या बच्चों की फीस कहाँ से लाएँ।”
उन्होंने कहा, “इस कार्यक्रम ने मुझे कौशल और आत्मविश्वास दिया। इसने मुझे गरीबी से ऊपर उठने की ताकत दी।”
लक्ष्मी आगे बताती हैं कि आज उनकी कमाई न केवल परिवार का खर्च चलाने में मदद करती है, बल्कि बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उनके भविष्य को भी सुरक्षित बनाती है।
मोदी जी के जन्मदिन पर लक्ष्मी विशेष कृतज्ञता व्यक्त करती हैं। उनका कहना है, “मोदी जी हमारे लिए भाई और पिता जैसे हैं। उनकी योजनाओं ने हमें सिर्फ आर्थिक स्वतंत्रता ही नहीं दी बल्कि आत्मविश्वास और उम्मीद भी दी है। अब हम खुद को सम्मानित और मूल्यवान महसूस करते हैं।”
लक्ष्मी की प्रेरक कहानी एनआरएलएम की सफलता और प्रधानमंत्री मोदी की ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह इस बात का प्रमाण है कि सरकारी योजनाएँ सच में बदलाव ला सकती हैं और लाखों परिवारों की जिंदगी रोशन कर सकती हैं।
With inputs from IANS