प्रमण्डलीय आयुक्त, उत्तरी छोटानागपुर ने कार्यशाला में शामिल अधिकारियों से कहा — राजस्व एवं वन से जुड़े अधिकारी अधिनियमों का कड़ाई से पालन करें और करवाएँBy Admin Sat, 06 December 2025 01:59 PM

रामगढ़ : समाहरणालय सभागार, रामगढ़ में शनिवार को उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त श्री पवन कुमार की अध्यक्षता में राजस्व अभिलेख, भूमिधारण, किरायेदारी अधिकार तथा वन क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर एक उच्चस्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यशाला भू-राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अंतर्गत विभिन्न अधिनियमों के तहत लंबित मामलों की समीक्षा तथा अधिकारियों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से संपन्न हुई।

प्रमंडलीय आयुक्त ने कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि राजस्व एवं वन क्षेत्र से जुड़े सभी मामलों में अधिनियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि—
“राजस्व एवं वन से जुड़े अधिकारी अधिनियमों का पालन कड़ाई से करें और इसे सख्ती से लागू करवाएँ।”

1. बिहार किरायेदारी धारक (अभिलेखों का अनुरक्षण) अधिनियम, 1973

धारा 14, 15, 16 एवं 18 के प्रावधानों की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने किरायेदारी अभिलेखों के अद्यतन, धारणाधिकार की पुष्टि, त्रुटि-सुधार तथा राजस्व अभिलेखों में संशोधन से संबंधित प्रगति प्रस्तुत की। आयुक्त ने कहा कि इन धाराओं का पूर्ण अनुपालन अनिवार्य है।

2. सीएनटी एक्ट, 1908

धारा 46 एवं 49 से संबंधित भूमिहस्तांतरण प्रतिबंध, अवैध रूपांतरण, पुश्तैनी भूमि संरक्षण एवं पारंपरिक अधिकारों से जुड़े मामलों पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
आयुक्त ने निर्देश दिया—
“CNT एक्ट की धारा 46 और 49 का कड़ाई से पालन हर हालत में सुनिश्चित करें।”

3. बीएलआर अधिनियम, 1950

धारा 4(h) के अंतर्गत अवैध कब्जा, जमाबंदी रद्दीकरण, भूमि पुनर्वितरण तथा अनधिकार प्रवेश से जुड़े लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी सभी प्रावधानों का कठोरता से अनुपालन कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।

4. जेबीसीए, वन अधिनियम एवं खास महल अधिनियम

वन भूमि विवाद, अतिक्रमण, सीमांकन, विभागीय समन्वय एवं केस हिस्ट्री से जुड़े मुद्दों पर विभाग द्वारा विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया।

अधिकारियों को संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश

प्रमंडलीय आयुक्त श्री पवन कुमार ने कहा कि भूमि, राजस्व एवं वन से जुड़े प्रत्येक मामले का समयबद्ध, पारदर्शी एवं संवेदनशीलतापूर्वक निपटारा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमि अभिलेखों का नियमित अद्यतन न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाता है, बल्कि आम जनता की समस्याएँ भी कम करता है।
उन्होंने राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारियों, विशेषकर अंचल अधिकारियों और कुर्मियों से उम्मीद जताई कि वे पूर्ण संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ नियमों को लागू करें।

“भूमि संबंधी मामलों में अनावश्यक विलंब आम जनता को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है”

कार्यशाला के अंत में आयुक्त ने कहा कि लंबित प्रकरणों का निपटारा उच्च प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर विवादों के शीघ्र समाधान पर ध्यान दें।

उपस्थित अधिकारी

इस अवसर पर वन प्रमंडल पदाधिकारी नीतीश कुमार, उप विकास आयुक्त आशीष अग्रवाल, अपर समाहर्ता कुमारी गीताांजलि, अनुमंडल पदाधिकारी अनुराग कुमार तिवारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता दीप्ति प्रियंका कुजूर, प्रभारी पदाधिकारी (गोपनीय शाखा) रविंद्र कुमार गुप्ता, भू-अर्जन पदाधिकारी विजेंद्र कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी निशा कुमारी सिंह सहित विभिन्न अंचल अधिकारी एवं अन्य उपस्थित थे।