
रांची: राजस्व एवं भूमि सुधार से संबंधित कार्यों को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और समयबद्ध बनाने के उद्देश्य से रांची जिला प्रशासन ने बुधवार को समाहरणालय के ब्लॉक-बी स्थित कक्ष संख्या 505 में राजस्व कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजन्त्री ने की।
बैठक में लंबित राजस्व मामलों, विशेष रूप से दाखिल-खारिज, सीमांकन, अभिलेख सुधार, तथा विभिन्न विभागों द्वारा मांगी गई भूमि प्रतिवेदनों की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने राजस्व पदाधिकारियों, अधीनस्थ अमीनों, राजस्व उपनिरीक्षकों और अंचल निरीक्षकों को कार्यप्रणाली में सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जन शिकायतों का समाधान प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और राजस्व सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि नागरिकों को अपने मामलों के समाधान के लिए अनावश्यक रूप से कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें।
90 दिनों से अधिक समय से लंबित आपत्तिजनक और अनापत्तिजनक दाखिल-खारिज मामलों की प्रगति की समीक्षा करते हुए उनके शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए गए। 30 दिनों से अधिक समय से लंबित अनापत्तिजनक मामलों की त्वरित सुनवाई और निष्पादन पर विशेष जोर दिया गया। सीमांकन, अभिलेख संशोधन एवं पुनरीक्षण कार्य, विभागों द्वारा मांगे गए भूमि प्रतिवेदन तथा डबल डिपॉजिट प्रतिबंध से संबंधित मामलों की निगरानी पर भी चर्चा हुई।
उपायुक्त ने कहा कि राजस्व कार्य जनसेवा का अहम हिस्सा है और इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने समय पर आवेदन निष्पादन, पारदर्शिता बनाए रखने और नागरिकों को त्वरित एवं न्यायसंगत राहत सुनिश्चित करने को प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।
बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची उत्कर्ष कुमार, अपर समाहर्ता रामनारायण सिंह, भूमि सुधार उपसमाहर्ता मुकेश कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के.के. राजहंस, विशेष बंदोबस्त पदाधिकारी मोनी कुमारी, जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुरभि सिंह, सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा) रविशंकर मिश्रा सहित सभी अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मी, अधीनस्थ अमीन, राजस्व उपनिरीक्षक एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।