झारखंड में सरकार, पुलिस और माफिया की मिलीभगत से फल-फूल रही बालू लूट: मरांडीBy Admin Fri, 19 December 2025 02:58 PM

रांची: झारखंड भाजपा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध बालू खनन हो रहा है, जिसमें बालू माफिया, पुलिस और राज्य सरकार की मिलीभगत है।

मरांडी ने आरोप लगाया कि जमशेदपुर के भुइयांडीह इलाके में सुवर्णरेखा नदी से नावों के जरिए खुलेआम बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। उनके अनुसार, बालू को बोरियों में भरकर नदी किनारे जमा किया जाता है और बाद में उसे अन्य स्थानों पर भेजा जाता है।

उन्होंने राज्य सरकार पर माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि बालू से होने वाली अवैध कमाई ही कारण है कि हेमंत सरकार जानबूझकर पेसा कानून को लागू नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री की आदिवासी पहचान पर सवाल उठाते हुए मरांडी ने कहा कि जो नेता आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए बने कानून को लागू नहीं करता, उसे खुद को आदिवासी कहलाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

मरांडी ने दावा किया कि हाईकोर्ट द्वारा बालू खनन पर रोक के बावजूद अवैध उत्खनन बेरोकटोक जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार अदालत से समय तो मांगती है, लेकिन बाहर माफिया को मनमाने दामों पर बालू बेचकर जनता को लूटने की खुली छूट देती है। उन्होंने मौजूदा शासन को “माफिया सरकार” करार देते हुए कहा कि यह अवधि अवैध कमाई के लिए सुनहरा अवसर बन गई है।

मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए मरांडी ने कहा कि यदि अवैध खनन सरकार की सहमति से नहीं हो रहा है, तो हेमंत सोरेन तुरंत बालू लूट बंद कर माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ऐसा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि सरकार और माफिया भ्रष्टाचार में एक-दूसरे पर निर्भर हो चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड के संसाधनों को दीमक की तरह परत-दर-परत खाया जा रहा है।

इसे राज्य का दुर्भाग्य बताते हुए मरांडी ने कहा कि जल, जंगल और जमीन के नाम पर वोट मांगने वाले नेता आज लालच और स्वार्थ के कारण झारखंड की प्राकृतिक संपदा को खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां पड़ोसी राज्य में चारा घोटाला हुआ था, वहीं हेमंत सोरेन सरकार ने बालू को बड़े भ्रष्टाचार का जरिया बना दिया है।

मरांडी ने यह भी आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद सरकार पेसा नियमों को लागू करने से बचने के लिए बार-बार तारीखें मांग रही है। उन्होंने कहा कि जब वह इन मुद्दों को उठाते हैं, तो मुख्यमंत्री यह कहकर टाल देते हैं कि विपक्ष सिर्फ बालू, कोयला, पत्थर और शराब की बात करता है।

इस पर पलटवार करते हुए मरांडी ने कहा कि जब इन्हीं संसाधनों से काला धन पैदा कर राज्य को लूटा जा रहा हो, तो उन पर सवाल उठना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि यदि उनके आरोप गलत हैं, तो मुख्यमंत्री को तथ्यों के साथ सार्वजनिक रूप से खंडन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आरोप गलत साबित होते हैं, तो वह अपनी गलती स्वीकार करने को तैयार हैं। मरांडी ने चेतावनी दी कि जनता अंततः हर हिसाब चुकता करती है और जैसे चारा घोटाले की जवाबदेही तय हुई, वैसे ही बालू घोटाले की भी होगी।