अंशुल गर्ग बोले: मेरी मूंछ मेरी राजस्थानी पहचान का प्रतीक हैBy Admin Tue, 28 October 2025 12:31 PM

नई दिल्ली— निर्माता अंशुल गर्ग, जिनकी पहली फिल्म *“एक दीवाने की दीवानियत”* बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई है, का कहना है कि उनकी सिग्नेचर मूंछ सिर्फ एक स्टाइल स्टेटमेंट नहीं, बल्कि उनकी राजस्थानी पहचान का गर्वित प्रतीक है।

“धीमे धीमे”, “गोवा बीच”, “मुड मुड के”, “ऐडन ना नच” और “कॉफी” जैसे चार्टबस्टर गाने देने वाले अंशुल अपनी शाही हैंडलबार मूंछ के लिए भी जाने जाते हैं — जो बेहद सलीके से संवारी गई होती है और सिरे पर खूबसूरती से ऊपर की ओर मुड़ी होती है।

मूंछों के प्रति अपने लगाव के बारे में अंशुल ने आईएएनएस से कहा, “मेरा जन्म धौलपुर में हुआ था। मैं मूल रूप से राजस्थान से हूं। बचपन में मैंने लोगों को घनी और बड़ी मूंछों में देखा है। लेकिन अब हम अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। हम आधुनिक हो रहे हैं, पश्चिमी संस्कृति को अपना रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि उन्होंने मूंछें इसलिए रखी हैं क्योंकि यह उन्हें उनके राज्य राजस्थान से जोड़े रखती हैं।
“मैं चाहता था कि मेरी मूंछें मेरी राज्य की पहचान बनें। जब भी मैं यात्रा करता हूं, लोग पूछते हैं — ‘ये मूंछ कैसी है?’ तब मैं कहता हूं कि मैं अपनी संस्कृति अपने साथ लेकर चलना चाहता हूं।”

“मैं इंटरनेशनल म्यूज़िक बनाता हूं, विदेशी कलाकारों से मिलता हूं, बाहर जाता हूं। तो जब वे मेरी मूंछ देखते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि ये राजस्थानी मूंछ है — भारत की एक खास पहचान है। यही मैं अपने साथ लेकर चल रहा हूं,” उन्होंने कहा।

संगीत उद्योग में आने से पहले अंशुल ने 2015 में दिल्ली में एक रेस्टोरेंट शुरू किया था। वहीं उनकी मुलाकात पॉप सिंगर टोनी कक्कड़ (नेहा कक्कड़ के भाई) से एक कार्यक्रम में हुई, जिससे *“देसी म्यूज़िक फैक्ट्री (DMF)”* की शुरुआत हुई। उनका पहला गाना “अखियां” था, जिसमें नेहा कक्कड़, टोनी कक्कड़ और बोहेमिया शामिल थे।

उनकी पहली फिल्म *“एक दीवाने की दीवानियत”* एक रोमांटिक ड्रामा है, जिसका निर्देशन मिलाप ज़वेरी ने किया है। फिल्म में हर्षवर्धन राणे और सोनम बाजवा मुख्य भूमिकाओं में हैं। कहानी एक प्रभावशाली राजनेता और एक दृढ़-संकल्पित अभिनेत्री के बीच पनपते प्रेम की है, जो जल्द ही जुनून, अहंकार और दिल टूटने के खतरनाक खेल में बदल जाती है।

— आईएएनएस