नई दिल्ली (IANS): एक हालिया अध्ययन के अनुसार, बच्चों और किशोरों को सिर्फ पांच मिनट तक जंक फूड — यानी अत्यधिक वसा, चीनी और नमक (HFSS) वाले खाद्य पदार्थों — के विज्ञापनों को दिखाना भी उनकी दैनिक कैलोरी खपत को काफी बढ़ा सकता है।
अध्ययन में पाया गया कि 7 से 15 वर्ष के बच्चे अगर सिर्फ पांच मिनट तक इस तरह के विज्ञापनों को देखते हैं, तो वे औसतन प्रतिदिन 130 अतिरिक्त कैलोरी खा लेते हैं — जो कि दो स्लाइस ब्रेड के बराबर है।
यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल (यूके) की प्रोफेसर एम्मा बॉयलैंड, जो इस अध्ययन की प्रमुख लेखिका हैं, ने कहा, “हमारे निष्कर्ष यह महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं कि किस हद तक और किस प्रकार का अस्वस्थ खाद्य विज्ञापन विभिन्न मीडिया के माध्यम से बच्चों और किशोरों की खाने की आदतों को प्रभावित करता है।”
उन्होंने कहा, “वसा, नमक और चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थों के विज्ञापनों के संपर्क में आना, भले ही वह समय थोड़े मिनटों का ही क्यों न हो, अतिरिक्त कैलोरी खपत और संभावित रूप से वजन बढ़ने का कारण बन सकता है — विशेषकर उन युवाओं में जो विज्ञापनों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और जिनकी भोजन की आदतें उनके जीवनभर के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।”
यह अध्ययन 7 से 15 वर्ष के 240 स्वयंसेवकों पर आधारित एक रैंडमाइज़्ड क्रॉसओवर ट्रायल है, जिसे स्पेन के मलागा शहर में आयोजित यूरोपीय मोटापा सम्मेलन (ECO) में प्रस्तुत किया गया।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि HFSS खाद्य विज्ञापनों को देखने के बाद बच्चों ने न केवल अधिक स्नैक्स (+58.4 कैलोरी) और दोपहर का भोजन (+72.5 कैलोरी) खाया, बल्कि कुल मिलाकर उनकी कैलोरी खपत 130.90 कैलोरी तक अधिक हो गई, जो ऐसे विज्ञापनों से दूर रहने वाले बच्चों की तुलना में कहीं ज्यादा है।
प्रो. बॉयलैंड ने कहा, “हमारे परिणाम बताते हैं कि अस्वस्थ खाद्य पदार्थों के विज्ञापन लंबे समय तक बच्चों की कैलोरी खपत बढ़ाते हैं — जो कि समय के साथ वजन बढ़ने के लिए पर्याप्त है।”
किशोरों में अस्वस्थ वजन बढ़ना मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
अध्ययनकर्ता समूह का मानना है कि यह शोध बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए तत्काल और सख्त खाद्य विज्ञापन नीतियों को तैयार करने में मददगार साबित होगा।