नई दिल्ली : एक नए शोध के अनुसार, सचेतनता (Mindfulness) के अभ्यास से मानसिक प्रक्रिया "संज्ञानात्मक नियंत्रण" (Cognitive Control) को बेहतर बनाकर चिंता पर काबू पाया जा सकता है।
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी (सेंट लुइस, अमेरिका) के माइंडफुलनेस साइंस एंड प्रैक्टिस अनुसंधान समूह की पोस्टडॉक्टोरल शोधकर्ता रेश गुप्ता ने बताया कि –
"वर्तमान क्षण पर बिना किसी मूल्यांकन के ध्यान केंद्रित करना — जो सभी सचेतनता तकनीकों का मूल आधार है — चिंता को शांत करने और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बेहतर बना सकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "बहुत से शोधों ने यह सिद्ध किया है कि सचेतनता चिंता के लक्षणों को कम कर सकती है। हम सभी किसी न किसी रूप में चिंता का अनुभव करते हैं, लेकिन इसकी अभिव्यक्ति हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है। यही कारण है कि इसे समझना चुनौतीपूर्ण होता है।" यह शोध Neuroscience and Biobehavioral Reviews में प्रकाशित हुआ है।
गुप्ता और उनके सह-लेखकों ने सचेतनता और चिंता के बीच संबंध को समझने के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। वे मानते हैं कि "एक ही प्रकार की सचेतनता तकनीक हर किसी के लिए प्रभावी नहीं हो सकती।" इसलिए, उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि विभिन्न प्रकार की चिंता के लिए अलग-अलग सचेतनता अभ्यास उपयोगी हो सकते हैं। यह नया ढांचा चिंता से पीड़ित लोगों को अधिक सटीक और उपयुक्त उपचार देने में सहायक हो सकता है।
इस शोध के सह-लेखक और मनोविज्ञान एवं मस्तिष्क विज्ञान के प्रोफेसर टॉड ब्रेवर ने कहा, "अब यह मान्यता बढ़ रही है कि सचेतनता मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बहुत सहायक हो सकती है। लेकिन हम अभी तक पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं कि ये अभ्यास कैसे लाभ पहुंचाते हैं। यहीं पर वैज्ञानिक शोध की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।"
गुप्ता के अनुसार, "जो लोग अत्यधिक सतर्क रहते हैं और जिन्हें चिंता के दौरान तीव्र शारीरिक लक्षण महसूस होते हैं — जैसे तेज़ धड़कन, पसीने से भरे हाथ, सीने में जकड़न — उनके लिए एक विशेष प्रकार का ध्यान 'ओपन मॉनिटरिंग मेडिटेशन' (Open Monitoring Meditation) उपयोगी हो सकता है।" इस ध्यान में किसी एक चीज़ जैसे सांस पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, व्यक्ति अपने सभी आंतरिक और बाह्य अनुभवों को पल-पल पर बिना प्रतिक्रिया दिए और बिना मूल्यांकन किए देखता है।
प्रो. ब्रेवर ने उम्मीद जताई कि उनके शोध समूह और अन्य संस्थानों से हो रहा ताज़ा शोध लोगों को सचेतनता के अंतर्गत आने वाले विविध अभ्यासों की गहराई और उपयोगिता को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा।
(With inputs from IANS)