
बैंकॉक — उत्तर गोवा स्थित बिर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब के मालिक सौरभ और गौरव लुथरा को मंगलवार को थाईलैंड से डिपोर्ट कर दिया गया। दोनों भाई बैंकॉक से दिल्ली के लिए उड़ान भर चुके हैं।
दिल्ली पहुंचते ही गोवा पुलिस उन्हें हिरासत में ले लेगी। इसके बाद उन्हें दिल्ली की एक अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड मांगी जाएगी, जिसके पश्चात आगे की जांच के लिए उन्हें गोवा लाया जाएगा। यह कार्रवाई नाइटक्लब में हुए भीषण अग्निकांड के सिलसिले में की जा रही है।
थाई अधिकारियों ने भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुरोध पर जारी इंटरपोल के ब्लू कॉर्नर नोटिस के आधार पर लुथरा बंधुओं को हिरासत में लिया था।
जांच के तहत पुलिस आबकारी विभाग के अधिकारियों के बयान दर्ज कर रही है। इसके अलावा स्थानीय पंचायत से जुड़े लोगों के बयान भी खंगाले जा रहे हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि पूछताछ के दौरान कई अहम और ठोस जानकारियां सामने आई हैं, सूत्रों ने बताया।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले की जांच के लिए गठित मजिस्ट्रियल जांच समिति ने जमीन के मूल मालिक प्रदीप घड़ी आमोनकर से भी पूछताछ की है। समिति ने जांच में शामिल होने के लिए 100 से अधिक लोगों को समन भेजा है, जिनमें से अब तक कम से कम 20 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
इससे पहले 11 दिसंबर को दिल्ली की एक अदालत ने सौरभ और गौरव लुथरा की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। यह फैसला गोवा पुलिस द्वारा दायर जवाब पर विचार करने के बाद लिया गया।
सुनवाई के दौरान गोवा पुलिस की ओर से अधिवक्ता अभिनव मुखर्जी ने दलील दी कि लुथरा बंधुओं ने कारोबार में अपनी भूमिका को कम बताने का झूठा दावा किया और यह कहा कि उनकी विदेश यात्रा पहले से तय थी। हालांकि, पुलिस ने इन दावों को खारिज करने के लिए अदालत में कई दस्तावेज पेश किए।
इनमें सौरभ लुथरा द्वारा दायर एफएसएसएआई आवेदन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का आवेदन और जीएसटी रिकॉर्ड शामिल थे, जिनमें दोनों भाइयों और अजय गुप्ता को व्यवसाय का साझेदार दर्शाया गया था।
पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि नाइटक्लब का पंचायत लाइसेंस समाप्त हो चुका था और उसका नवीनीकरण नहीं कराया गया था। इसके बावजूद क्लब बिना वैध अनुमति के संचालित किया जा रहा था। लाइसेंस एग्रीमेंट को भी सबूत के तौर पर पेश किया गया, जिससे यह साबित हुआ कि लुथरा बंधुओं के पास क्लब संचालन की वैध अनुमति नहीं थी।
अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि आग लगने के तुरंत बाद, करीब रात 1.15 बजे, दोनों भाइयों ने फ्लाइट टिकट बुक कराए और 7 दिसंबर की सुबह करीब 5 बजे थाईलैंड के लिए रवाना हो गए। पुलिस ने इसे गिरफ्तारी से बचने का प्रयास बताया।
जांचकर्ताओं के अनुसार, नाइटक्लब में आग लगने की घटना के तुरंत बाद लुथरा बंधु देश छोड़कर चले गए थे। 7 दिसंबर की तड़के हुई इस भीषण आग में 25 लोगों की मौत हो गई थी।
अर्पोरा नदी के बैकवाटर्स के पास स्थित इस क्लब में लगी आग में चार पर्यटकों और 14 स्टाफ सदस्यों सहित कुल 25 लोगों की जान गई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, क्लब का प्रवेश और निकास मार्ग बेहद संकरा था, जिसके कारण कई लोग समय रहते बाहर नहीं निकल सके।
यह नाइटक्लब गोवा के व्यस्त बागा इलाके में स्थित था, जो राज्य के सबसे लोकप्रिय समुद्र तटों में से एक के पास होने के कारण भारी भीड़ आकर्षित करता है।
With inputs from IANS