
अम्मान — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जॉर्डन यात्रा के नतीजों को साझा करते हुए कहा कि ये दोनों देशों के बीच साझेदारी का “सार्थक विस्तार” दर्शाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को अल-हुसैनिया पैलेस में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत और जॉर्डन के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 5 अरब डॉलर तक ले जाने का प्रस्ताव रखा।
पीएम मोदी ने जॉर्डन की डिजिटल भुगतान प्रणाली और भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के बीच सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
यात्रा के अवसर पर दोनों देशों के बीच संस्कृति, नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और पेट्रा तथा एलोरा के बीच ट्विनिंग व्यवस्था से जुड़े समझौता ज्ञापनों (MoUs) को अंतिम रूप दिया गया।
सोशल मीडिया मंच एक्स पर प्रधानमंत्री ने कहा, “ये परिणाम भारत-जॉर्डन साझेदारी के सार्थक विस्तार को दर्शाते हैं। नई और नवीकरणीय ऊर्जा में हमारा सहयोग स्वच्छ विकास, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु जिम्मेदारी के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
उन्होंने आगे कहा कि जल संसाधन प्रबंधन और विकास में सहयोग से दोनों देशों को संरक्षण, दक्षता और प्रौद्योगिकी से जुड़ी सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा करने में मदद मिलेगी, जिससे दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पेट्रा और एलोरा के बीच ट्विनिंग समझौता विरासत संरक्षण, पर्यटन और शैक्षणिक आदान-प्रदान के नए अवसर खोलेगा।
पीएम मोदी ने कहा, “सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (2025-2029) के नवीनीकरण से लोगों के बीच संपर्क और मजबूत होंगे। हमारी डिजिटल नवाचारों को साझा करना जॉर्डन के डिजिटल परिवर्तन को समर्थन देगा और समावेशी शासन को बढ़ावा देगा।”
इन समझौतों से भारत और जॉर्डन के बीच द्विपक्षीय संबंधों और मित्रता को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा, बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय घटनाक्रमों और अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी विचार साझा किए। उन्होंने क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के महत्व को दोहराया।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के प्रति भारत के समर्थन की पुनः पुष्टि की।
With inputs from IANS