नई दिल्ली (IANS): भारत और सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में, पाकिस्तान रेंजर्स ने बुधवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम शॉ को रिहा कर दिया, जिन्हें लगभग तीन हफ्ते पहले पाकिस्तान में बंदी बना लिया गया था।
पूर्णम शॉ ने पंजाब के फिरोजपुर ज़िले में अंतरराष्ट्रीय सीमा को अनजाने में पार कर लिया था। यह घटना 22 अप्रैल को हुए भयावह पहलगाम आतंकी हमले के अगले दिन हुई, जिसमें आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। उसी के बाद शॉ पाकिस्तान की सीमा में भटक गए थे।
बीएसएफ ने जवान की रिहाई को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया है।
बयान में कहा गया, “कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को आज सुबह 10:30 बजे अटारी-वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान से वापस लिया गया है।”
बीएसएफ ने आगे बताया, “कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ 23 अप्रैल 2025 को लगभग 11:50 बजे फिरोजपुर सेक्टर में ड्यूटी के दौरान अनजाने में पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे, जहां पाक रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।”
बीएसएफ जवान की वापसी निर्धारित प्रक्रिया के तहत हुई है। अब उनके स्वदेश लौटने के बाद सभी आवश्यक दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा, जिनमें उनके चिकित्सकीय परीक्षण भी शामिल हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा किसी प्रकार की यातना या अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ा या नहीं।
यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर एक समझ बनी थी। इससे कुछ दिन पहले भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्युपाइड कश्मीर (पीओके) में कई आतंकवादी ठिकानों और उनके बुनियादी ढांचे पर कड़ा प्रहार किया था, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने सीमा पर हालात को और तनावपूर्ण बना दिया था।
इससे पहले, बीएसएफ जवान पूर्णम शॉ की पत्नी रजनी ने भी फिरोजपुर का दौरा किया था और वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात कर उनके पति की रिहाई के लिए हस्तक्षेप की अपील की थी।
उन्हें उनके पति की सुरक्षित वापसी के लिए सभी संभव कदम उठाने का आश्वासन दिया गया था।