नई दिल्ली — पैराग्वे के राष्ट्रपति सेंटियागो पेना पालासियोज़ सोमवार को तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंचे हैं। यह दौरा भारत और पैराग्वे के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने की दृष्टि से अहम माना जा रहा है।
राष्ट्रपति पेना का यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रहा है। दौरे के दौरान वे दिल्ली और मुंबई में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
दिल्ली स्थित वायुसेना स्टेशन, पालम पर पहुंचने पर राष्ट्रपति पेना को गौरवमय गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। उनके साथ उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें मंत्रियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और व्यावसायिक प्रतिनिधियों का शामिल हैं।
दिन में बाद में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर राष्ट्रपति पेना से भेंट करेंगे।
इसके अलावा, राष्ट्रपति पेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच विस्तृत वार्ता होगी, जिसमें भारत-पैराग्वे संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी उनके सम्मान में औपचारिक भोज का भी आयोजन करेंगे।
राष्ट्रपति पेना, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलेंगे, जो उनके सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन करेंगी। इसके साथ ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी राष्ट्रपति पेना से मुलाकात करेंगे।
यह राष्ट्रपति पेना की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है, और अब तक यह केवल दूसरी बार है जब किसी पैराग्वे के राष्ट्राध्यक्ष ने भारत का दौरा किया है।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में कहा, “भारत और पैराग्वे के बीच 13 सितंबर 1961 को राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। तब से दोनों देशों के बीच व्यापार, कृषि, स्वास्थ्य, दवा और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ता गया है।”
मंत्रालय ने कहा कि पैराग्वे, लैटिन अमेरिका में भारत का एक रणनीतिक व्यापारिक साझेदार है। भारत की ऑटोमोबाइल और फार्मा कंपनियों ने वहां उपस्थिति दर्ज कराई है, वहीं कई पैराग्वे की कंपनियां भारत में संयुक्त उद्यमों के ज़रिए कार्य कर रही हैं।
बयान में यह भी बताया गया कि दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण है।
अपने मुंबई प्रवास के दौरान राष्ट्रपति पेना राज्य के राजनीतिक नेताओं, उद्योग जगत, स्टार्टअप्स, नवाचारकर्ताओं और तकनीकी विशेषज्ञों से मुलाकात करेंगे, जो आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर केंद्रित होगा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति पेना की यह राजकीय यात्रा दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा करने और आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा का एक अहम अवसर प्रदान करेगी।
राष्ट्रपति पेना 4 जून 2025 को भारत से रवाना होकर पैराग्वे लौटेंगे।
With inputs from IANS