आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस का भारत को पूरा समर्थन: पुतिन ने PM मोदी से की बातBy Admin Mon, 05 May 2025 10:45 AM

मॉस्को/नई दिल्ली (IANS) : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ भारत को रूस का "पूरा समर्थन" देने की पेशकश की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, "पुतिन ने निर्दोष लोगों की जान जाने पर गहरी संवेदना व्यक्त की और भारत को आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई में पूरा समर्थन देने की बात कही। उन्होंने इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कठघरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया।"

दोनों नेताओं ने भारत-रूस की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री मोदी ने विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति पुतिन को शुभकामनाएं दीं और वर्ष के अंत में भारत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए उन्हें आमंत्रित भी किया।

22 अप्रैल का हमला:
यह क्रूर हमला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के निकट बैसरान घाटी में हुआ था, जब चार भारी हथियारों से लैस आतंकवादी, जिनमें से दो पाकिस्तान से थे, घने जंगलों से निकलकर पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी करने लगे। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई और कई गंभीर रूप से घायल हुए। इसे हाल के वर्षों का सबसे भयावह आतंकी हमला बताया गया है।

शी चिनफिंग के दौरे से पहले हुई बातचीत:
यह बातचीत ऐसे समय हुई जब रूसी राष्ट्रपति 7 से 10 मई तक चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की रूस यात्रा की मेजबानी करेंगे, जहां वे महान देशभक्ति युद्ध की 80वीं वर्षगांठ के समारोहों में भाग लेंगे।

हालांकि राष्ट्रपति पुतिन द्वारा आमंत्रण दिए जाने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी विजय दिवस समारोह में शामिल होने रूस नहीं जाएंगे।

पहले भी जताई संवेदना:
राष्ट्रपति पुतिन ने 22 अप्रैल को ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी को एक शोक संदेश भेजा था। उन्होंने लिखा,
“पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के दुखद परिणामों पर मेरी गहरी संवेदना स्वीकार करें, जिसमें कई देशों के नागरिक मारे गए। यह बर्बर अपराध किसी भी रूप में न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। हम आशा करते हैं कि इसके आयोजकों और हमलावरों को उचित दंड मिलेगा। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ सहयोग को और गहरा करने की हमारी प्रतिबद्धता दोहराता हूं।”

2 मई को लावरोव-जयशंकर वार्ता:
2 मई को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से फोन पर बातचीत की, जिसमें पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव पर चर्चा हुई।

लावरोव ने भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 के शिमला समझौता और 1999 के लाहौर घोषणापत्र के तहत द्विपक्षीय रूप से राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से विवाद सुलझाने की अपील की।

बातचीत के बाद जयशंकर ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “रूसी विदेश मंत्री लावरोव से पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा की। इसके दोषियों, समर्थकों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाना आवश्यक है। हमने द्विपक्षीय सहयोग गतिविधियों पर भी बातचीत की।”

आगामी दौरे और द्विपक्षीय शिखर बैठकें:
राष्ट्रपति पुतिन को मई 2020 में विजय दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर भी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आमंत्रित किया गया था। क्रेमलिन के सलाहकार यूरी उशाकोव ने हाल ही में पुष्टि की कि राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर 2025 की शुरुआत में भारत का दौरा करेंगे।

उन्होंने कहा, “हमारे नेताओं के बीच हर साल मिलने का समझौता है, इस बार हमारी बारी है।”

राष्ट्रपति पुतिन की आखिरी भारत यात्रा 6 दिसंबर 2021 को 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष रूस की दो प्रमुख यात्राएं की थीं—जुलाई में 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में और अक्टूबर में कज़ान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए।