
नई दिल्ली- ब्राज़ील में भारत के राजदूत, दिनेश भाटिया ने कहा कि वैज्ञानिक शोध और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बढ़ने से आयुर्वेद की वैश्विक प्रासंगिकता और मजबूत हुई है।
स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र (SVCC) और कोनायुर साओ पाउलो द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीसरे अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाटिया ने पारंपरिक स्वास्थ्य प्रणालियों में भारत और ब्राज़ील के बीच बढ़ते सहयोग पर प्रकाश डाला।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के तत्वावधान में आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम ने ब्राज़ील में आयुर्वेद के 40 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाया और इसमें लैटिन अमेरिका तथा भारत के विशेषज्ञों, चिकित्सकों, विद्वानों और विद्यार्थियों ने भाग लिया।
आगामी WHO–आयुष मंत्रालय ग्लोबल समिट ऑन ट्रेडिशनल मेडिसिन, जो 17 से 19 दिसंबर तक नई दिल्ली में आयोजित होगा, में भी आयुर्वेद की वैश्विक प्रासंगिकता और व्यापक स्वरूप सामने आएगा।
भारत के राजदूत ने ब्राज़ील द्वारा आयुर्वेद को आधिकारिक रूप से मान्यता देने वाले पहले दक्षिण अमेरिकी देश होने पर सराहना व्यक्त की और ब्राज़ील के उपराष्ट्रपति जेराल्डो अल्कमिन की अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली की हालिया यात्रा को द्विपक्षीय स्वास्थ्य सहयोग को मजबूत करने वाला मील का पत्थर बताया।
SVCC द्वारा आयुर्वेद और भारतीय संस्कृति को निरंतर बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना करते हुए भाटिया ने आयुष मंत्रालय के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
आयुष मंत्रालय के सचिव डॉ. (वैद्य) राजेश कोटेचा ने कहा कि आयुर्वेद समावेशिता, करुणा और शरीर, मन तथा पर्यावरण के समन्वित संतुलन का प्रतीक है। उन्होंने भारत–ब्राज़ील के बीच पारंपरिक चिकित्सा में मजबूत साझेदारी का उल्लेख किया, जिसे दोनों देशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच हुए समझौते और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर तथा ब्राज़ीलियाई विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग से और गति मिली है।
डॉ. कोटेचा ने पिछले चार दशकों में ब्राज़ील में आयुर्वेद को आगे बढ़ाने वाले शिक्षकों, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों की सराहना की।
आयुष मंत्री प्रफुल्ल पटेल की ओर से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रमाण-आधारित पारंपरिक चिकित्सा को आगे बढ़ाने और भारत–ब्राज़ील सहयोग को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
SVCC की निदेशक डॉ. ज्योति किरण शुक्ला ने भारत और ब्राज़ील के बीच स्वास्थ्य परंपराओं की साझा विरासत और आयुर्वेद में सांस्कृतिक व शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देने में SVCC और ICCR की भूमिका को रेखांकित किया।
साओ पाउलो में भारत के वाणिज्य दूत, हंसराज सिंह वर्मा ने प्राकृतिक और निवारक स्वास्थ्य समाधान को बढ़ावा देने में भारत–ब्राज़ील सहयोग के महत्व पर जोर दिया।
With inputs from IANS