
नई दिल्ली- देश में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी में इन्फ्लुएंजा के मामलों में कोई असामान्य बढ़ोतरी नहीं देखी गई है, सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने राजधानी में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जहां उन्हें बताया गया कि देश श्वसन संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
स्वास्थ्य सचिव पुन्या सलीला श्रीवास्तव ने बताया कि “भारत में आमतौर पर इन्फ्लुएंजा के दो मौसमी पीक आते हैं — अगस्त से अक्टूबर (मानसून सीजन) और जनवरी से मार्च (सर्दी का सीजन)”।
नड्डा ने मौजूदा स्थिति की जानकारी ली और पूछा कि क्या वर्तमान में फैल रहे स्ट्रेन ऐतिहासिक पैटर्न से किसी तरह का बदलाव दिखा रहे हैं।
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) के अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि “इन्फ्लुएंजा गतिविधि वैश्विक स्तर पर और भारत में भी कम बनी हुई है”।
उन्होंने बताया कि निगरानी के अनुसार वर्तमान में फैल रहे स्ट्रेन सामान्य मौसमी वेरिएंट हैं — H3N2 और इन्फ्लुएंजा बी (विक्टोरिया) — जबकि H1N1 के कुछ मामलों का पता चला है।
नड्डा को लगभग रीयल-टाइम सर्विलांस सिस्टम के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसमें शामिल हैं:
IDSP का ILI (Influenza Like Illness) और SARI (Severe Acute Respiratory Illness) निगरानी नेटवर्क
मीडिया स्कैनिंग के माध्यम से AI आधारित घटना-आधारित निगरानी
ICMR की सेंटिनल सर्विलांस प्रणाली
मंत्री को बताया गया कि “वर्तमान में सभी सिस्टम इन्फ्लुएंजा मामलों में किसी असामान्य वृद्धि के संकेत नहीं दिखा रहे हैं।”
NCDC के निदेशक प्रो. (डॉ.) रंजन दास ने बताया कि NCDC इस महीने के अंत में दो दिवसीय राष्ट्रीय ‘चिंतन शिविर ऑन इन्फ्लुएंजा’ आयोजित करेगा।
नड्डा ने जारी तैयारियों की सराहना की और सभी राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ इन्फ्लुएंजा तैयारियों की समीक्षा करने तथा केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों की तत्परता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में तैयारियों की समीक्षा अगले पंद्रह दिनों के भीतर पूरी करने को कहा।
मंत्री ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस संबंध में एक सलाह जारी करने तथा स्वास्थ्य सुविधाओं में नियमित मॉक ड्रिल करने को भी कहा।
With inputs from IANS