अल्ज़ाइमर के खतरे को कम करने के लिए बैठने का समय घटाएं, अधिक सक्रिय रहें: अध्ययनBy Admin Tue, 13 May 2025 12:36 PM

नई दिल्ली (IANS): एक ताज़ा अध्ययन में बताया गया है कि लंबे समय तक बैठे या लेटे रहना — जिसे निष्क्रिय जीवनशैली कहा जाता है — मस्तिष्क की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है और अल्ज़ाइमर रोग से जुड़े मस्तिष्क क्षेत्रों के संकुचन का कारण बन सकता है।

यह अध्ययन वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर (VUMC) और यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य यह समझना था कि जीवनशैली की आदतें अल्ज़ाइमर रोग के विकास की संभावना को कैसे प्रभावित कर सकती हैं।

यह शोध "अल्ज़ाइमर एंड डिमेंशिया: द जर्नल ऑफ द अल्ज़ाइमर एसोसिएशन" में प्रकाशित हुआ है।

पिट्स यूनिवर्सिटी की न्यूरोलॉजी की सहायक प्रोफेसर मैरिसा गॉगनियट ने कहा,
"अल्ज़ाइमर से बचाव केवल रोज़ाना एक्सरसाइज करने से नहीं होगा। अगर आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं लेकिन बाकी दिन का ज़्यादातर समय बैठे रहते हैं, तो भी यह बीमारी विकसित होने का खतरा बना रहता है।"

शोध में 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 404 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। सभी प्रतिभागियों ने एक विशेष घड़ी पहनी, जो एक हफ्ते तक उनके गतिविधि स्तर को रिकॉर्ड करती रही। इसके आधार पर उनके बैठने के समय की तुलना उनकी मस्तिष्क कार्यक्षमता और ब्रेन स्कैन से की गई, जो अगले सात वर्षों तक किए गए।

परिणामों से पता चला कि जो प्रतिभागी दिन का अधिकतर समय निष्क्रिय (बैठे हुए) बिताते थे, उनमें मस्तिष्क की क्षति और संज्ञानात्मक गिरावट अधिक देखी गई — भले ही वे दिन में एक्सरसाइज करते थे।

यह प्रभाव उन प्रतिभागियों में और भी अधिक स्पष्ट था जिनमें APOE-e4 जीन पाया गया — जो अल्ज़ाइमर रोग का एक आनुवंशिक जोखिम कारक माना जाता है। इसका अर्थ है कि ऐसे लोगों के लिए बैठने के समय को कम करना और भी ज़रूरी हो जाता है।

VUMC की न्यूरोलॉजी प्रोफेसर एंजेला जेफरसन ने कहा,
"यह शोध विशेष रूप से उम्रदराज़ लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर उन लोगों के लिए जिनमें अल्ज़ाइमर का आनुवंशिक खतरा है। मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने के लिए दिनभर में समय-समय पर उठकर चलना-फिरना ज़रूरी है।"