CERT-In मजबूत और विश्वसनीय साइबर रक्षा ढांचा विकसित कर रहा है: सरकारी अधिकारीBy Admin Sat, 13 December 2025 05:47 AM

नई दिल्ली — CERT-In के शोध सहयोग, सार्वजनिक–निजी भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय मंचों में सक्रिय सहभागिता के माध्यम से राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ‘डिजिटल इंडिया’ के विज़न के अनुरूप एक मजबूत और भरोसेमंद साइबर रक्षा संरचना तैयार कर रही है। यह जानकारी शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अंतर्गत CERT-In के महानिदेशक और नियंत्रक प्रमाणन प्राधिकरण (CCA) डॉ. संजय बहल ने कहा कि CERT-In उभरते साइबर खतरों को लेकर संगठनों और नागरिकों के लिए समय पर अलर्ट और विशेष सलाह जारी करता है, जिससे बिना अनावश्यक घबराहट फैलाए अग्रिम सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

यूरोप, अमेरिका और मध्य एशियाई देशों से आए पत्रकारों के लिए आयोजित एक सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. बहल ने साइबर सुरक्षा, संकट प्रबंधन, भेद्यता आकलन, सूचना साझा करने, साइबर घटनाओं पर समन्वित प्रतिक्रिया, ऑडिटरों के पैनल गठन और भारत में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों में CERT-In की भूमिका और जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला।

डॉ. बहल ने यह भी रेखांकित किया कि 400 से अधिक स्टार्टअप्स और 6.5 लाख से ज्यादा कुशल पेशेवरों के बल पर भारत तेजी से एक वैश्विक साइबर सुरक्षा हब के रूप में उभर रहा है, जिससे 20 अरब डॉलर के साइबर सुरक्षा उद्योग को मजबूती मिल रही है।

उन्होंने बताया कि ये नवोन्मेषक थ्रेट डिटेक्शन, साइबर फॉरेंसिक और एआई-आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम जैसे उन्नत समाधान विकसित कर रहे हैं, जो सुरक्षित और लचीले डिजिटल इकोसिस्टम के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

डॉ. बहल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) दोधारी तलवार की तरह है, जो सुरक्षा विशेषज्ञों और साइबर अपराधियों—दोनों के लिए सक्षम उपकरण बन सकती है। उन्होंने बताया कि CERT-In एआई-आधारित एनालिटिक्स और ऑटोमेशन का उपयोग कर वास्तविक समय में साइबर घटनाओं का पता लगाने, उन्हें रोकने और प्रभावी ढंग से जवाब देने का काम कर रहा है, साथ ही दुर्भावनापूर्ण एआई-सक्षम हमलों से निपटने के उपाय भी विकसित कर रहा है।

सत्र के दौरान पत्रकारों को CERT-In द्वारा नियमित रूप से किए जाने वाले साइबर ड्रिल्स, क्षमता निर्माण पहलों और अंतरराष्ट्रीय सहयोगों की जानकारी भी दी गई।

डॉ. बहल ने बताया कि वर्ष 2024 में भारत में 147 रैनसमवेयर घटनाएं दर्ज की गईं, लेकिन CERT-In की समन्वित कार्रवाई, रियल-टाइम इंटेलिजेंस साझा करने और फॉरेंसिक हस्तक्षेप के कारण इनके प्रभाव को काफी हद तक कम किया गया।

इस अवसर पर MeitY के संयुक्त सचिव कृष्ण कुमार सिंह ने मंत्रालय की विभिन्न पहलों की जानकारी दी। इनमें फरवरी 2026 में प्रस्तावित ‘इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट’, स्वदेशी साइबर सुरक्षा समाधान विकसित करने वाले स्टार्टअप्स को नीतिगत समर्थन, साइबर सुरक्षा अनुसंधान एवं विकास, तथा मंत्रालय की कई राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाएं और पहलें शामिल हैं।

 

With inputs from IANS