IIT खड़गपुर का स्मार्ट ट्रैक्ड रोबोट: अब खेती में रोग पहचान और कीटनाशक छिड़काव करेगाBy Admin Fri, 16 May 2025 06:46 AM

नई दिल्ली (IANS): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने एक अत्याधुनिक स्मार्ट ट्रैक्ड रोबोट विकसित किया है, जो फसलों में होने वाले रोगों की पहचान कर सकता है और स्वतः कीटनाशकों का छिड़काव भी कर सकता है, जिससे कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा।

संस्थान के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों की एक टीम ने इस अर्ध-स्वचालित ट्रैक्ड मोबाइल मैनिपुलेटर और कृषि रोबोटिक प्रणाली को सफलतापूर्वक डिज़ाइन और विकसित किया है।

इस बुद्धिमान रोबोटिक सिस्टम का उद्देश्य किसानों को पौधों के रोगों की पहचान और सुरक्षित व उपयुक्त कीटनाशक छिड़काव में आने वाली समस्याओं का समाधान प्रदान करना है।

प्रोफेसर दिलीप कुमार प्रतिहार, जिन्होंने इस शोध का नेतृत्व किया, ने बताया कि कृषि भूमि न तो पूरी तरह समतल होती है और न ही पूरी तरह ऊबड़-खाबड़, ऐसे में ट्रैक्ड मोबाइल मैनिपुलेटर एक आदर्श समाधान के रूप में प्रस्तुत किया गया।

उन्होंने कहा, “इस सिस्टम में एक सीरियल मैनिपुलेटर (जो मानव हाथ की तरह कार्य करता है) को ट्रैक्ड व्हीकल पर लगाया गया है, जिसे विशेष रूप से खेतों में चलने और सटीक कार्यों को अंजाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।”

हालांकि ड्रोन आधारित कृषि रोबोटों की लोकप्रियता बढ़ रही है, परंतु उड़ान के दौरान उत्पन्न तेज हवा के कारण वे पौधों की पत्तियों की उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें लेने में असमर्थ रहते हैं, जिससे प्राप्त डाटा में शोर होता है।

शोधकर्ताओं ने अपने पेपर में उल्लेख किया, “यह ट्रैक्ड मोबाइल मैनिपुलेटर कृषि क्षेत्र में कई कार्यों के लिए उपयोगी हो सकता है, जैसे — पौधों की सेहत की निगरानी, रोगों की पहचान, कीटनाशक छिड़काव, फल एवं सब्जियों की कटाई आदि।” यह पेपर 2021 में आयोजित IEEE की 18वीं इंडिया काउंसिल अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस (INDICON) में प्रस्तुत किया गया था, जिसका आयोजन IIT गुवाहाटी ने किया था।

इस ज़मीन पर चलने वाले नए ट्रैक्ड रोबोट में कैमरा आधारित इमेज विश्लेषण तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे पौधों के रोगों की सटीक पहचान की जाती है और तत्पश्चात उचित कीटनाशक का स्वचालित छिड़काव होता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित यह रोबोटिक सिस्टम न केवल किसानों को हाथ से कीटनाशक छिड़काव करते समय होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों से बचाएगा, बल्कि खाद्य गुणवत्ता और कृषि उत्पादकता को भी काफी हद तक बढ़ाएगा।

IIT खड़गपुर ने बताया कि यह प्रणाली फसलों में रोगजनित नुकसान को कम कर उत्पादन और लागत की दक्षता में सुधार लाती है, जिससे देश की जीडीपी में भी सकारात्मक योगदान होगा।