दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025: 2010 के बाद सबसे जल्दी आगमन की संभावनाBy Admin Thu, 22 May 2025 07:15 AM

तिरुवनंतपुरम : इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून का आगमन 2010 के बाद सबसे पहले हो सकता है। बुधवार को मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, मानसून की स्थिति तेजी से विकसित हो रही है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, आमतौर पर केरल में मानसून के आगमन की तिथि 1 जून मानी जाती है, जो देशभर में चार महीने तक चलने वाले मानसून सीजन की शुरुआत को दर्शाती है।

जैसे-जैसे मानसूनी हवाएं मजबूत होती हैं, मानसून जून महीने में देश के बाकी हिस्सों में फैलता है और मध्य जुलाई तक पूरे देश को ढक लेता है।

आईएमडी ने पहले अनुमान जताया था कि इस बार मानसून 27 मई (प्लस/माइनस चार दिन) को केरल पहुंचेगा।
मंगलवार को विभाग ने कहा कि मानसून अगले चार से पांच दिनों के भीतर दस्तक दे सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह मानसून 2010 के बाद का सबसे जल्दी आने वाला मानसून होगा।

बुधवार को मौसम विभाग ने यह भी बताया कि केरल में मानसून के आगमन के लिए तय किए गए सभी मानक तकनीकी रूप से पूरे हो चुके हैं।

मानसून की घोषणा के लिए चार मुख्य मानदंड होते हैं:

  • सूचीबद्ध 14 मौसम केंद्रों में से कम से कम 60% केंद्रों पर लगातार दो दिन तक 2.5 मिमी या उससे अधिक वर्षा होनी चाहिए।
  • पश्चिमी हवाओं की गहराई 600 hPa तक पहुंचनी चाहिए।
  • 925 hPa पर हवाओं की गति 15–20 नॉट्स होनी चाहिए।
  • एक निर्धारित क्षेत्र में आउटगोइंग लॉन्ग वेव रेडिएशन (OLR) का मान 200 वॉट/वर्ग मीटर से कम होना चाहिए।
  • आईएमडी ने चेतावनी दी है कि 24 मई तक केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश की संभावना है।

इसके साथ ही आईएमडी ने मछुआरों को चेतावनी दी है कि वे बुधवार से सोमवार तक
पूर्व-मध्य और दक्षिण-पूर्व अरब सागर, केरल, कर्नाटक, कोंकण और गोवा, दक्षिण गुजरात तट, और लक्षद्वीप क्षेत्र में समुद्र में न जाएं।

 

With inputs from IANS