तनाव मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों में भावनात्मक नियंत्रण को करता है प्रभावित: अध्ययनBy Admin Fri, 23 May 2025 03:10 AM

सिडनी: एक हालिया अध्ययन के अनुसार, तीव्र तनाव मस्तिष्क की भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से उन लोगों में जो अवसाद, चिंता या बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं।

ऑस्ट्रेलिया की एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी (ECU) के शोधकर्ताओं ने पाया कि तनाव अस्थायी रूप से कार्यकारी कार्यों (Executive Functions) को बाधित कर सकता है। ये कार्य मानसिक प्रक्रियाएँ हैं, जैसे – वर्किंग मेमोरी (सूचना को पकड़ना और उपयोग करना), आवेग नियंत्रण और मानसिक लचीलापन – जो भावनाओं को नियंत्रित करने और तनावपूर्ण परिस्थितियों में निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह जानकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने दी।

ईसीयू के शोधकर्ता टी-जे स्कॉट ने कहा, "इन कार्यकारी क्षमताओं का उपयोग विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने में किया जाता है।"

उन्होंने आगे बताया, "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि तनाव-संबंधी विकारों से पीड़ित लोग, भले ही उनकी स्थिति औपचारिक निदान की सीमा तक न पहुँची हो, तनाव की स्थिति में इन क्षमताओं के बाधित होने की अधिक संभावना रखते हैं।"

वर्किंग मेमोरी, प्रतिक्रिया अवरोधन (impulse control), और संज्ञानात्मक लचीलापन (mental flexibility) जैसी कार्यकारी क्षमताएँ भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।

शोधकर्ताओं ने 17 अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों की समीक्षा की और पाया कि तनाव अवसाद से पीड़ित लोगों में वर्किंग मेमोरी को गंभीर रूप से प्रभावित करता है और बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर वाले लोगों में आवेग नियंत्रण को कमजोर करता है।

अध्ययन की सह-लेखिका और ईसीयू की प्रोफेसर जोआन डिक्सन ने कहा कि ये निष्कर्ष यह स्पष्ट करते हैं कि क्यों कुछ लोग कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी जैसी आम उपचार विधियों का अपेक्षित लाभ नहीं उठा पाते।

"अगर तीव्र तनाव भावनात्मक नियंत्रण के लिए आवश्यक मानसिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप कर रहा है, तो यह व्यक्ति की इलाज से लाभ लेने की क्षमता को कम कर सकता है – विशेषकर तब, जब वह अत्यधिक मानसिक दबाव में हो," डिक्सन ने कहा।

हालाँकि यह अध्ययन बताता है कि तीव्र तनाव कार्यकारी क्षमताओं को प्रभावित करता है, शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि इस दिशा में और शोध की आवश्यकता है ताकि व्यक्तिगत अंतर को समझा जा सके और उपचार की रणनीतियों को बेहतर बनाया जा सके।

शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि अत्यधिक भावनात्मक सत्रों से पहले लोगों की संज्ञानात्मक क्षमताओं को मज़बूत करना उपयोगी हो सकता है।

स्कॉट ने कहा, "यह समझना कि तनाव मस्तिष्क के कार्यों को कैसे प्रभावित करता है, मानसिक स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए अत्यंत आवश्यक है।"

 

With inputs from IANS