नई दिल्ली: अमेरिका के इंजीनियरों ने एक अनोखा उपकरण विकसित किया है जो डेंटल फ्लॉस के जरिए आसानी से और सटीक रूप से कॉर्टिसोल (तनाव का हार्मोन) को वास्तविक समय में माप सकता है।
लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, अवसाद और चिंता जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
टफ्ट्स विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर समीर सोनकुसले ने ACS Applied Materials & Interfaces जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया,
“इस परियोजना की शुरुआत टफ्ट्स विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के साथ सहयोग से हुई, जिसमें यह देखा गया कि तनाव और अन्य मानसिक अवस्थाएं कैसे सीखने और समस्याओं को हल करने की क्षमता को प्रभावित करती हैं।”
उन्होंने कहा,
“हम नहीं चाहते थे कि मापन प्रक्रिया खुद ही तनाव का एक और कारण बन जाए। इसलिए हमने सोचा—क्या हम ऐसा सेंसर बना सकते हैं जो आपकी रोजमर्रा की आदतों का हिस्सा बन सके? चूंकि कॉर्टिसोल लार में पाया जाता है, तो डेंटल फ्लॉस इसके लिए स्वाभाविक विकल्प लगा।”
इस नवाचार में डेंटल फ्लॉस एक सामान्य फ्लॉस पिक जैसा ही दिखता है, जिसमें दो कांटेदार सिरों के बीच फ्लॉस की डोरी बंधी होती है, और यह एक फ्लैट प्लास्टिक हैंडल से जुड़ा होता है—लगभग आपकी तर्जनी (index finger) के आकार का।
यह फ्लॉस लार को एक संकरी नली के ज़रिए कैपिलरी क्रिया (capillary action) द्वारा खींचता है। यह द्रव फ्लॉस पिक के हैंडल और एक संलग्न टैब में पहुंचता है, जहां यह फैले हुए इलेक्ट्रोड्स पर आता है, जो कॉर्टिसोल की उपस्थिति को पहचानते हैं।
कॉर्टिसोल की पहचान इलेक्ट्रोपॉलिमराइज्ड मोलेक्यूलरली इम्प्रिंटेड पॉलीमर्स (eMIPs) नामक एक खास तकनीक द्वारा की जाती है, जो लगभग 30 साल पहले विकसित हुई थी।
eMIPs तकनीक इतनी लचीली है कि इसके माध्यम से अन्य जैविक अणुओं को भी लार में पहचानने वाले फ्लॉस सेंसर बनाए जा सकते हैं—जैसे प्रजनन स्वास्थ्य के लिए एस्ट्रोजन, मधुमेह की निगरानी के लिए ग्लूकोज, या कैंसर के संकेतक।
शोधकर्ताओं के अनुसार, भविष्य में यह तकनीक लार में एक साथ कई बायोमार्कर्स की पहचान कर सकती है, जिससे तनाव, हृदय रोग, कैंसर और अन्य स्थितियों की अधिक सटीक निगरानी संभव हो सकेगी।
इन सेंसरों की सटीकता मौजूदा या विकासाधीन उच्च गुणवत्ता वाले सेंसरों के बराबर है।
सोनकुसले और उनकी टीम अब इस तकनीक को बाजार में लाने के लिए एक स्टार्टअप की शुरुआत कर रही है, ताकि यह उपकरण आम लोगों की पहुंच में आ सके और बिना किसी विशेष प्रशिक्षण के स्वास्थ्य देखभाल का हिस्सा बन सके।