सोलर फोटोवोल्टिक के लिए एशिया पैसिफिक बना सबसे बड़ा बाजार, भारत एक उज्ज्वल केंद्रBy Admin Sat, 31 May 2025 08:53 AM

नई दिल्ली: एशिया पैसिफिक (APAC) क्षेत्र सोलर फोटोवोल्टिक (PV) और पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरा है, जिसमें वर्ष 2024 में क्रमशः 1.18 टेरावॉट (TW) और 0.67 टेरावॉट की क्षमता दर्ज की गई है। यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में दी गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, सोलर PV सिस्टम आगामी वर्षों में निवेश का प्रमुख केंद्र बने रहेंगे और ऑनशोर व ऑफशोर विंड सेक्टर से आगे निकलेंगे।

2024 में सोलर PV में कुल $329.1 बिलियन का निवेश हुआ। इसके मुकाबले, ऑनशोर विंड में $151.2 बिलियन और ऑफशोर विंड में $69.6 बिलियन का निवेश दर्ज किया गया। ये आंकड़े डेटा और एनालिटिक्स कंपनी GlobalData ने जारी किए हैं।

GlobalData के पावर विश्लेषक रेहान शिलेदार के अनुसार, “आगे देखते हुए, 2030 तक ऑनशोर विंड क्षेत्र के $186.9 बिलियन और ऑफशोर विंड क्षेत्र के $150.4 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। यह क्रमशः 4 प्रतिशत और 14 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाता है, जो इन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की मजबूत विकास संभावनाओं को दर्शाता है।”

वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में नवीकरणीय संसाधनों, विशेष रूप से सोलर PV और पवन ऊर्जा, की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है।

गिरती लागत और मजबूत नीति समर्थन के चलते सोलर PV और विंड एनर्जी में वैश्विक रूचि बढ़ी है। इसके चलते 2024 में 3.42 टेरावॉट की वैश्विक नवीकरणीय स्थापित क्षमता के 2035 तक 11.2 टेरावॉट तक पहुंचने की संभावना है।

एक अन्य उद्योग रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का सोलर PV बैलेंस ऑफ सिस्टम (BoS) बाजार तीव्र गति से बढ़ रहा है और 2024 में लगभग $3 बिलियन से बढ़कर 2029 तक $7 बिलियन तक पहुंच सकता है, जिसकी CAGR लगभग 16 प्रतिशत होगी।

1Lattice की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि कई कारणों से हो रही है — जिनमें भारत का 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता का लक्ष्य और अपनी कुल बिजली का 50 प्रतिशत नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करने की प्रतिबद्धता शामिल है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पीएम-कुसुम योजना, ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्रोग्राम और दिल्ली सोलर एनर्जी पॉलिसी जैसी योजनाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सोलर को अपनाने को जनसामान्य के लिए सुलभ बना रही हैं। इससे BoS क्षेत्र में नवाचार, निर्माण और निवेश के नए अवसर सामने आ रहे हैं।

 

With inputs from IANS