नई दिल्ली (IANS) : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) 2025 के दौरान फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का सफलतापूर्वक पायलट परीक्षण किया। इसकी जानकारी सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने दी।
यह पहल UIDAI द्वारा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के सहयोग से की गई। इसका उद्देश्य परीक्षा की सुरक्षा और परीक्षार्थियों की पहचान को उन्नत बायोमेट्रिक तकनीक के माध्यम से सुनिश्चित करना है।
इस "प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट" (PoC) का मकसद यह परखना था कि आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक कितनी प्रभावी और व्यावहारिक है, विशेष रूप से भारत की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में से एक के दौरान पहचान सत्यापन के लिए।
इस परीक्षण के दौरान दिल्ली के कुछ चयनित नीट परीक्षा केंद्रों पर आधार फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को तैनात किया गया। इसे NIC के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और NTA की परीक्षा प्रक्रिया में बिना किसी अड़चन के एकीकृत किया गया।
फेस ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया को रीयल-टाइम में आधार के बायोमेट्रिक डेटाबेस के माध्यम से पूरा किया गया, जिससे यह प्रक्रिया पूरी तरह से संपर्क रहित और तेज हो गई।
मंत्रालय ने कहा, "पायलट परीक्षण के परिणामों में उम्मीदवारों की पहचान सत्यापन में बहुत उच्च स्तर की सटीकता और कार्यकुशलता देखने को मिली। इस पहल ने यह दिखाया कि आधार फेस ऑथेंटिकेशन एक सुरक्षित, मापनीय और छात्र-अनुकूल समाधान हो सकता है।"
यह तकनीक भविष्य में प्रवेश परीक्षाओं के दौरान नकल और प्रतिरूपण की घटनाओं को रोकने में अहम भूमिका निभा सकती है।
गौरतलब है कि 4 मई को हुई नीट-यूजी 2025 परीक्षा में देशभर से अनुमानित 22.7 लाख छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
यह परीक्षा देशभर के 500 से अधिक शहरों में 5,453 केंद्रों पर आयोजित की गई थी।
पिछले वर्षों में नीट परीक्षा से जुड़ी पेपर लीक और अनियमितताओं की शिकायतों के चलते इस बार NTA ने सुरक्षा और निगरानी के स्तर को काफी बढ़ा दिया था।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए NTA ने प्रवेश पत्र और परीक्षा केंद्र की जानकारी के साथ विस्तृत दिशानिर्देश भी जारी किए थे।