नई दिल्ली (IANS) — भारत में किफायती 5G स्मार्टफोनों की तेज़ी से बढ़ती मांग ने पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में स्मार्टफोन बाजार में नया मुकाम हासिल किया है। एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में कुल स्मार्टफोन शिपमेंट का 86 प्रतिशत हिस्सा 5G डिवाइसेज़ का रहा, जो सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि है।
CyberMedia Research (CMR) की रिपोर्ट बताती है कि ₹8,000 से ₹13,000 की कीमत वाले 5G स्मार्टफोन सेगमेंट में 100 प्रतिशत से अधिक की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है, जो यह दर्शाता है कि उपभोक्ताओं में अब किफायती 5G फोन की मांग तेजी से बढ़ रही है।
वीवो 21 प्रतिशत बाज़ार हिस्सेदारी के साथ 5G स्मार्टफोन बाजार में शीर्ष पर रहा, जबकि सैमसंग 19 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रीमियम सेगमेंट में भी 5G और AI-समर्थित स्मार्टफोनों की मजबूत मांग के चलते निरंतर वृद्धि देखी गई है।
CMR की वरिष्ठ विश्लेषक मेन्का कुमारी ने कहा, "₹10,000 से कम की कीमत वाले 5G स्मार्टफोन सेगमेंट में 2025 की पहली तिमाही में 500 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई, जो उपभोक्ताओं की किफायती 5G की ओर झुकाव को दर्शाता है।"
शाओमी, पोको, मोटोरोला और रियलमी जैसे ब्रांड इस उछाल का नेतृत्व कर रहे हैं।
जहां किफायती स्मार्टफोन सेगमेंट में मामूली 3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, वहीं मिड-रेंज "वैल्यू-फॉर-मनी" सेगमेंट में 6 प्रतिशत की गिरावट आई, जो उपभोक्ताओं के प्रीमियम डिवाइसेज़ की ओर बढ़ते रुझान को दर्शाता है।
Apple ने इस दौरान 25 प्रतिशत सालाना वृद्धि दर्ज की और 8 प्रतिशत बाज़ार हिस्सेदारी हासिल की। इस वृद्धि में iPhone 16 सीरीज़, विशेष रूप से iPhone 16e, का अहम योगदान रहा। Apple की सुपर-प्रीमियम श्रेणी में हिस्सेदारी 28 प्रतिशत और ₹1,00,000 से अधिक की कीमत वाले अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
CMR का अनुमान है कि वर्ष 2025 में भारत का स्मार्टफोन बाजार सिंगल डिजिट (एकल अंक) में वृद्धि दर्ज करेगा।
CMR के उपाध्यक्ष प्रभु राम ने कहा, "आगामी तिमाहियों में भारत का स्मार्टफोन बाजार तीन बड़े कारकों से प्रभावित होगा — किफायती 5G का सामान्यीकरण, डिवाइस में AI का एकीकरण और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला में तेजी।"
उन्होंने यह भी जोड़ा, "AI से लैस प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट में तेजी आने वाली है, जबकि केवल कीमत पर आधारित प्रतिस्पर्धा करने वाले ब्रांडों को मुनाफा और प्रासंगिकता दोनों में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।"
स्थानीय निर्माण को मिल रहे बढ़ावे और वैश्विक परिस्थितियों के बदलते परिदृश्य को देखते हुए भारत न केवल एक प्रमुख बाजार बनेगा, बल्कि वैश्विक स्मार्टफोन आपूर्ति श्रृंखला में भी एक महत्वपूर्ण केंद्र की भूमिका निभाएगा।