
मॉस्को — रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन संकट को सुलझाने के अवसर गंवाने को लेकर यूरोप पर तीखा हमला बोला है और उसे एक “झोलाछाप डॉक्टर” करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका के साथ हालिया संवाद को लेकर आशावाद भी जताया है।
सोमवार को ईरानी मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में लावरोव ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष की जड़ में मौजूद कारणों को संबोधित करना जरूरी है। इनमें नाटो का पूर्व की ओर विस्तार, यूक्रेन की संभावित नाटो सदस्यता, क्षेत्रीय विवाद और सुरक्षा गारंटियां शामिल हैं। शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी।
लावरोव ने कहा कि यूरोप ने बार-बार संकट के समाधान की कोशिशों से आंखें मूंद लीं और इसके बजाय इस स्थिति का इस्तेमाल अपनी स्थिति मजबूत करने तथा अमेरिका और अन्य पक्षों द्वारा निष्पक्ष समाधान की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को बाधित करने के लिए किया।
यूरोप के रवैये की तुलना “झोलाछाप डॉक्टर” से करते हुए उन्होंने कहा, “वे सिर्फ ऐसी दवाइयां लिखते हैं जो पांच मिनट के लिए अच्छा महसूस कराएं। वे कभी सही निदान नहीं करेंगे।”
लावरोव ने अमेरिका के साथ हालिया संपर्कों को एक सकारात्मक संकेत बताते हुए कहा कि अब अमेरिका रूस के रुख को बेहतर ढंग से समझ रहा है और यह भी स्वीकार कर रहा है कि केवल अस्थायी युद्धविराम नहीं, बल्कि स्थायी समाधान की जरूरत है, न कि यूक्रेन को लगातार हथियार आपूर्ति के साथ संघर्ष को लंबा खींचना।
उन्होंने कहा कि संबंधित प्रक्रियाएं आगे बढ़ रही हैं और “हम अमेरिका-यूक्रेन वार्ता को लेकर अमेरिकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।”
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सतर्क आशावाद जताते हुए कहा कि कई महीनों से जारी संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में बातचीत एक अहम मोड़ के करीब पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि बर्लिन में यूरोपीय नेताओं और यूक्रेनी अधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा के बाद यह स्थिति बनी है।
ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने यूरोपीय नेताओं के एक बड़े समूह के साथ “बहुत लंबी और बहुत अच्छी बातचीत” की, जिसमें यूक्रेन युद्ध चर्चा का प्रमुख विषय रहा।
उन्होंने कहा, “हमारी एक घंटे पहले यूरोपीय नेताओं के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई, जिसमें रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पर विस्तार से चर्चा हुई। यह लंबी चर्चा थी और चीजें फिलहाल सही दिशा में जाती दिख रही हैं।”
With inputs from IANS