
वॉशिंगटन- ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका से मिलकर बने क्वाड देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नागरिक आपदा प्रतिक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से अपना पहला फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
यह अभ्यास 8 से 12 दिसंबर के बीच गुआम स्थित एंडरसन एयर फोर्स बेस पर ‘ऑपरेशन क्रिसमस ड्रॉप’ के समानांतर आयोजित किया गया। यह क्वाड इंडो-पैसिफिक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क (आईपीएलएन) के तहत एक महत्वपूर्ण परिचालन उपलब्धि मानी जा रही है, अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया।
विदेश विभाग के अनुसार, आईपीएलएन का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिक सहायता के लिए भागीदार देशों की साझा लॉजिस्टिक्स क्षमताओं का उपयोग करना है, ताकि राहत कार्यों को अधिक तेजी और दक्षता के साथ अंजाम दिया जा सके।
बयान में कहा गया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य जान बचाना, पुनर्वास प्रयासों में तेजी लाना और आपदा से प्रभावित क्षेत्रीय साझेदारों को समय पर सहायता उपलब्ध कराना है। फील्ड ट्रेनिंग अभ्यास के दौरान व्यावहारिक और प्रत्यक्ष गतिविधियों के माध्यम से चारों देशों के बीच समन्वय और आपसी संचालन क्षमता (इंटरऑपरेबिलिटी) को परखा और मजबूत किया गया।
प्रशिक्षण के प्रमुख हिस्सों में जापान एयर सेल्फ-डिफेंस फोर्स के सी-130एच परिवहन विमान में चढ़ने का अभ्यास शामिल था, जिससे एयरलिफ्ट समन्वय और लॉजिस्टिक्स एकीकरण पर विशेष जोर दिया गया।
अभ्यास के दौरान साझेदार देशों की क्षमताओं और प्रक्रियाओं के तालमेल पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसे मानवीय आपात स्थितियों में सामूहिक प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने के लिए अहम कदम बताया गया।
इंटरऑपरेबिलिटी और समन्वय को इस प्रशिक्षण की मुख्य प्राथमिकताएं बताया गया, जो संकट के समय क्षेत्रीय साझेदारों की सहायता करने के क्वाड के व्यापक लक्ष्य को दर्शाता है।
मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया कि गुआम में आयोजित यह अभ्यास आईपीएलएन ढांचे के तहत पहले किए गए योजना प्रयासों पर आधारित था। अप्रैल 2025 में क्वाड देशों ने एक टेबलटॉप अभ्यास किया था, जिसमें काल्पनिक आपदा परिदृश्यों के लिए समन्वित लॉजिस्टिक्स प्रतिक्रिया की रूपरेखा तैयार की गई थी।
दिसंबर में हुआ यह फील्ड अभ्यास उन चर्चाओं को वास्तविक संचालन अभ्यास में बदलने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
अप्रैल के टेबलटॉप अभ्यास और दिसंबर के फील्ड ट्रेनिंग को क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने में व्यावहारिक सहयोग मजबूत करने की क्वाड की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में पेश किया गया। साथ ही यह प्रयास एक स्वतंत्र और खुला हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने के साझा लक्ष्य के अनुरूप बताया गया।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि भविष्य में नियमित गतिविधियों की संभावना तलाशी जाएगी, जिनमें अतिरिक्त टेबलटॉप और फील्ड अभ्यास, विश्वास-निर्माण उपाय और विषय विशेषज्ञों के बीच आदान-प्रदान शामिल हैं।
इन कदमों का उद्देश्य सहयोग को संस्थागत रूप देना और यह सुनिश्चित करना है कि साझा लॉजिस्टिक्स तंत्र प्रभावी और त्वरित प्रतिक्रिया देने में सक्षम बना रहे।
विशेषज्ञों का मानना है कि आपदा प्रतिक्रिया पर बढ़ता ध्यान इस क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती संख्या और तीव्रता को दर्शाता है। चक्रवात, भूकंप, बाढ़ और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी आपदाओं से निपटने के लिए लॉजिस्टिक्स क्षमताओं को साझा कर क्वाड प्रतिक्रिया समय घटाने और समन्वय बेहतर करने का प्रयास कर रहा है।
क्वाड साझेदारों ने स्पष्ट किया कि आईपीएलएन पूरी तरह से नागरिक आपदा प्रतिक्रिया के लिए है, न कि सैन्य अभियानों के लिए, और यह मौजूदा राष्ट्रीय व क्षेत्रीय तंत्रों का पूरक है। क्षेत्रीय साझेदारों को सहायता देना इस पहल का प्रमुख उद्देश्य बताया गया।
चार प्रमुख हिंद-प्रशांत लोकतांत्रिक देशों को एक साथ लाने वाला क्वाड हाल के वर्षों में पारंपरिक सुरक्षा चर्चाओं से आगे बढ़ते हुए स्वास्थ्य, जलवायु, प्रौद्योगिकी और आपदा सहनशीलता जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग का विस्तार कर चुका है।
भारत, जिसने हिंद महासागर क्षेत्र में स्वयं को एक प्रथम प्रतिक्रिया देने वाले देश के रूप में स्थापित किया है, मानवीय सहायता और आपदा राहत को अपने क्षेत्रीय जुड़ाव का अहम हिस्सा मानता है। आईपीएलएन ढांचा गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए समान सोच वाले साझेदारों के साथ समन्वय बढ़ाने के नई दिल्ली के व्यापक प्रयासों के अनुरूप है।
With inputs from IANS