बांग्लादेशी अधिकारियों का दावा: lynching में मारे गए हिंदू युवक के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का कोई सबूत नहींBy Admin Sun, 21 December 2025 04:33 AM

ढाका: बांग्लादेश के मैमनसिंह में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मारे गए हिंदू युवक के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली किसी भी टिप्पणी का कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं मिला है। यह जानकारी एक अधिकारी ने स्थानीय मीडिया को दी।

दिपु चंद्र दास की कथित रूप से ईशनिंदा के आरोप में उनके एक मुस्लिम सहकर्मी द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। 18 दिसंबर की रात भीड़ ने दास की हत्या कर दी, इसके बाद उनके शव को पेड़ से लटकाया गया और आग के हवाले कर दिया गया। उन पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।

हालांकि, मैमनसिंह में रैब-14 के कंपनी कमांडर मोहम्मद शमस्सुज़्ज़ामान ने बांग्लादेश के प्रमुख अखबार द डेली स्टार से कहा कि “ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो कि मृतक ने फेसबुक पर ऐसा कुछ लिखा हो, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हों।”

उन्होंने यह भी बताया कि न तो स्थानीय लोगों और न ही परिधान कारखाने में काम करने वाले अन्य श्रमिकों ने इस तरह की किसी गतिविधि की पुष्टि की है।

उन्होंने कहा, “अब सभी लोग यही कह रहे हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से दिपु को इस तरह की कोई बात कहते हुए नहीं सुना। ऐसा कोई व्यक्ति सामने नहीं आया है, जिसने स्वयं कुछ सुना या देखा हो, जिससे धर्म को ठेस पहुंची हो। जब स्थिति तनावपूर्ण हो गई, तो कारखाने की सुरक्षा के लिए उन्हें जबरन बाहर निकाल दिया गया।”

अधिकारी के अनुसार, घटना से जुड़े वीडियो वायरल होने के बाद शुरुआत में दो लोगों को हिरासत में लिया गया था और पूछताछ के आधार पर बाद में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया।

इसके अलावा, मैमनसिंह के एएसपी मोहम्मद अब्दुल्ला अल मामुन ने बताया कि पुलिस ने तीन और लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है।

इस बीच, हिंदू अधिकारों के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संगठन कोएलिशन ऑफ हिंदूज़ ऑफ नॉर्थ अमेरिका (CoHNA) ने दिपु दास की निर्मम हत्या के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया और समुदायों की चुप्पी पर गहरी चिंता जताई है।

संगठन ने इस बर्बर घटना की कड़ी निंदा करते हुए चेतावनी दी कि बांग्लादेश “धीरे-धीरे बर्बरता की स्थिति में उतरता जा रहा है”, जहां सबसे ज्यादा निशाना हिंदू समुदाय बन रहा है।

 

With inputs from IANS