
नई दिल्ली (IANS): भारत द्वारा शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के एक सप्ताह बाद, पाकिस्तान को हुए भारी नुकसान की तस्वीरें सामने आने लगी हैं। यह कार्रवाई उस कीमत को दर्शाती है जो पाकिस्तान को आतंकवाद को शह देने और भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के कारण चुकानी पड़ी।
शीर्ष सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायु हमलों में पाकिस्तान वायुसेना का लगभग 20% ढांचा नष्ट हो गया है। इन हमलों में कई लड़ाकू विमान तबाह हुए, और 30 से 40 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की खबर है।
7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक और सीमित हमले किए। पाकिस्तान ने इसे अपनी संप्रभुता पर हमला मानते हुए भारत पर ड्रोन और मिसाइल से हमला करने की नाकाम कोशिश की।
इसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने आक्रामक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कई एयरबेस पर स्वदेशी और इज़रायली हथियारों से हमले किए।
भारत ने 10 से 11 एयरबेस को निशाना बनाया, जिनमें सरगोधा, भोलारी, नूर खान (चकलाला), जैकबाबाद, शोरकोट (रफीकी), चकवाल (मुरीद), सुक्कुर, सियालकोट, पासरूर, चूनियां, और स्कार्दू शामिल हैं।
भोलारी एयरबेस (सिंध के जामशोरो ज़िले) पर हमले में स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ सहित 50 लोगों की मौत हुई।
F-16 और JF-17 जैसे लड़ाकू विमान नष्ट हो गए।
उच्च गुणवत्ता वाली सैटेलाइट इमेजेज में रनवे पर विशाल गड्ढे और नष्ट हो चुके हैंगर दिखाई दिए हैं।
पाकिस्तानी सेना ने खुद माना है कि 11 जवान मारे गए और 70 से अधिक घायल हुए हैं, जबकि भारतीय सेना के अनुसार यह संख्या 35-40 के बीच है।
नई रणनीति का संकेत: ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ नई नीति और रणनीतिक सोच का प्रतीक बन गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि यह "नया सामान्य" (New Normal) होगा और पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का तत्काल और बड़ा जवाब दिया जाएगा।
9 आतंकी लॉन्चपैड तबाह किए गए जो लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़े थे।
पाकिस्तान के भीतर बहावलपुर और मुदरीके जैसे गहरे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने पूरी तरह से पाकिस्तान की मिसाइलों को नाकाम किया और दुनिया को अपनी सैन्य क्षमता दिखा दी।
भारत ने यह संदेश स्पष्ट रूप से दिया कि वह अपने नागरिकों और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। इस बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी भारत के रुख का समर्थन किया, और पहले की तरह भारत को संयम बरतने की सलाह नहीं दी गई।
'ऑपरेशन सिंदूर' ने कश्मीर पर भारत की स्थिति को मज़बूत किया। पहली बार, कश्मीर को आतंकवाद से अलग करते हुए भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान से अब केवल दो मुद्दों पर ही बातचीत हो सकती है:
आतंकवाद का अंत
पाक-अधिकृत कश्मीर की वापसी